आलम वारसी, ब्यूरो चीफ, मुरादाबाद (यूपी), NIT:
लोकतंत्र बचाओ मोर्चा के नेतृत्व में सैकड़ों पीतल दस्तकारों की पंचायत जामा मस्जिद पार्क में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। पंचायत में बताया गया कि पीतल मजदूर जोकि घर के अंदर छोटी-छोटी भट्ठियों से एल्यूमीनियम के आइटम व पीतल और तांबे के आइटम तैयार करके यहां के निर्यातकों और सप्लायरों को देते थे जिससे कभी भी मुरादाबाद में प्रदूषण की समस्या नहीं आई, यह सिटी स्माल इंडस्ट्रीज सिटी है, यहां छोटे उद्योग के मानकों के आधार पर जीवन चलता है। यहां एमडीए की लगभग 100 कॉलोनियां बनाई गईं, पीतल दस्तकार को इन कॉलोनियों से दूर रखा और कभी एमडीए के मानक में पीतल दस्तकारों को जगह नहीं दी गई।
पंचायत के माध्यम से लोकतंत्र बचाओ मोर्चा मांग करता है कि मुरादाबाद के निर्यातकों की फर्मों में जो बड़े-बड़े तेजाब के प्लांट एल्युमीनियम आदि और लोहे आदि पर आर्टिफिशल पीतल बनाकर उस पर साइनाइड का इस्तेमाल करते हैं और जहरीले कैमिकल इस्तेमाल करते है उसका पानी जमीन में उतार देते हैं जिससे मुरादाबाद का पानी प्रदूषित हो रहा है जिसके कारण घर घर में बीमारी पैदा हो रही है और कोई भी विभाग इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करता और तो और प्रदूषण विभाग जो आज एकपक्षीय कार्यवाही बिना सुने गरीब लोगों के घर सीस कर रहा है वह संवैधानिक लोकतंत्र की हत्या है।
यदि सरकार ने कोई संशोधन कोई अधिकार इनको नहीं दिया है तो वह इसको निरस्त करे जिससे जनता का उत्पीड़न बंद हो सके।
वहीं लोकतंत्र बचाओ मोर्चा के हाजी इक़बाल ने महानगर का इतिहास बताते हुए कहा, महानगर के जो बड़े लोग हैं उनके परिवार के लोग कभी परचून की दुकान चलाया करते थे जिन पर वह टॉफियां व बिस्किट बेचा करते थे अगर मैं उदाहरण दूं तो मुरादाबाद के मेयर का बताना चाहता हूं जिनके पिता की मंडी चौक में स्थित दुकान में टॉफियों बेचा करते थे। उसके बाद उन्होंने पीतल का कारोबार किया इन्हीं दस्तक कारों ने उनके परिवार को आसमान तक पहुंचाया। मुरादाबाद की फर्मों में 200 से लेकर 300 हॉर्स पावर तक के जनरेटर चल रहे हैं जिससे बड़ा प्रदूषण होता है और जमीन को भी नुकसान पहुंचता है प्रदूषण विभाग इनके खिलाफ कोई कार्यवाही क्यों नहीं करता? बड़े-बड़े अस्पताल और सरकारी कार्यालय हैं जिनमें जनरेटर की व्यवस्था उपलब्ध है जिस कारण प्रदूषण फैल रहा है इनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती है? अगर प्रदूषण विभाग कार्यवाही कर रहा है तो केवल गरीब पीतल मजदूरों के खिलाफ कार्यवाही कर रहा है क्या सबसे ज्यादा प्रदूषण पीतल कारीगर ही फैला रहे हैं? हम उत्तर प्रदेश व केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि पीतल दस्तककारों की इस समस्या का कोई समाधान निकालें नहीं तो मुरादाबाद में पीतल की सनद हमेशा हमेशा के लिए लुप्त हो जाएगी।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.