अरशद आब्दी बयूरो चीफ, झांसी (यूपी), NIT:
शिक्षक नेता नोमान ने एनआईटी संवाददाता को बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के तुग़लकी फरमानों को शिक्षकों पर थोपने से उनमें नाराज़गी है। प्रदेश और केन्द्र की सत्तारूढ़ सरकार की कुण्ठित मानसिकता शिक्षा विभाग का बेड़ा गर्क करने में लगी है। हज़ारों पद समाप्त करने, पदोन्नति समाप्त करने और पूर्व सरकार द्वारा संस्तुत वेतनमान पर भी कुण्डली जमाए बैठी यह कर्मचारी विरोधी सरकार केवल उत्पीड़न करने पर आमादा है इससे शिक्षकों का सब्र भी अब टूट रहा है। इसी आक्रोश को लेकर प्रान्तीय राजधानी में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक हुई। प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पाण्डेय नें विभिन्न जनपदों से आये डेलीगेट्स से मन्त्रणा की। इस बात को लेकर सभी नें चिन्ता व्यक्त की कि सरकार की दमनकारी नीति पर विरोध नहीं किया गया, तो यह उत्पीड़न और भी बढ़ेगा। सत्ता के मद नें इन्हें घमण्डी बना दिया है और यह घमण्ड देश-प्रदेश के विनाश पर उतारू है। शिक्षकों को सर्वसमाज में चोर-डकैत साबित करने वाली सरकार की नीति का शिक्षक विरोध करेंगे। प्रेरणा ऐप से शिक्षकों की उपस्थिति न केवल सरकार का दोगलापन है, बल्कि शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का षड़यन्त्र है। पुरानी पेन्शन, मृतक आश्रितों को योग्यतानुरूप नियुक्ति, राज्य कर्मचारी सुविधा जैसी मांगों को लेकर शिक्षक संघ ने आन्दोलन की रूपरेखा तय की। इस क्रम में 4 सितम्बर को जनपद के ज़िलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश सरकार को चेताया जाएगा। फिर भी सरकार नें दमनचक्र न रोका, तो 16 सितम्बर से मशाल जुलूस के रुप में विरोध दर्शाया जाएगा।
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