गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:
अकबरपुर रेलवे स्टेशन पर आने जाने वाले यात्रियों की सुविधा को रेलवे प्रशासन दरकिनार कर रही है। यहां शुद्ध पेयजल के लिए यात्रियों को भटकना पड़ रहा है। प्लेटफार्म संख्या 1 और 2 पर अगर ट्रेन रुकती है और अगर उस समय आपको प्यास लग जाए तो आपको शुद्ध पीने का पानी नसीब नहीं होगा। एक भी चापाकल इंडिया मार्क ठीक हालत में नहीं है। यात्रियों के अनुसार प्लेटफार्म संख्या दो और एक पर रेलवे द्वारा आधा दर्जन इंडिया मार्क लगाए गए हैं इसमें से सभी नल लगने के बाद से ही खराब हो गये ऐसे में आप बखूबी समझ सकते हैं कि पेयजल के लिए यात्रियों को कितने पापड़ बेलने पड़ते होगें। जो नल है वह लगने के बाद से खराब है।
विगत एक माह पहले यात्रियों के बार-बार कहने पर रेलवे प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंगा दूसरी तरफ टूटे हुए नल से 24 घंटे पानी गिरता रहता है जिसके कारण प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। कई बार खबरें प्रकाशित हुई मगर रेलवे के जिम्मेदार अफसर स्टेशन अधीक्षक ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमने लेटर तैयार कर दिया है अब वह हमारी जिम्मेदारी खत्म।
इस संबंध में डीआरएम से बात की गई तो उन्होंने इसकी जिम्मेदारी अकबरपुर रेलवे अधीक्षक को दी।
आखिर अपनी जिम्मेदारी से क्यों मुंह मोड़ रहे हैं अधिकारी?
अखबार और चैनलों में कई बार खबरें प्रकाशित हुई मगर रेलवे प्रशासन द्वारा मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया जिसका खामियाजा यात्री भुगत रहे हैं। दूसरी तरफ भीषण गर्मी में जब लोगों को प्यास लगती है तो पानी के लिए 100 मीटर दूर स्टेशन परिसर से बाहर जाना पड़ता है। संयोगवश अगर वही प्लेटफार्म पर जब गाड़ी रुकती है या कोई एक्सप्रेस गाड़ी का क्रासिंग होता है तो यात्री पानी के लिए दौड़ लगाते हैं जिसके कारण खतरे की आशंका हमेशा बनी रहती है।
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