संदीप शुक्ला, उज्जैन ( मप्र ), NIT;
उज्जैन जिला कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी संकेत भोंडवे ने कानून व्यवस्था की दृष्टि से दण्ड प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा 144 के तहत जनसामान्य के हित, जानमाल एवं लोकशान्ति बनाये रखने के लिये प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। यह आदेश 25 मार्च से लागू हो गया है। जिला दण्डाधिकारी ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर अपने आदेश में कहा है कि किसी भी प्रकार का धारदार हथियार, आग्नेय शस्त्र, हॉकी, डंडा आदि लेकर कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर नहीं चलेगा। यह आदेश पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, बैंकों के गार्ड पर लागू नहीं होगा। उज्जैन जिले में बिना अनुमति के सभा, धरना, प्रदर्शन, जुलूस, रैली को प्रतिबंध किया गया है। इसी प्रकार उज्जैन जिले में डीजे का उपयोग भी उच्च न्यायालय के निर्देश के पालन में प्रतिबंधित किया गया है। म.प्र.कोलाहल नियंत्रण अधिनियम में ध्वनि विस्तारक यंत्र की अनुमति रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक किसी भी दशा में उपयोग की अनुमति मान्य नहीं रहेगी। चिकित्सालय, नर्सिंग होम, दूरभाष केन्द्र, न्यायालय, शिक्षण संस्थान, सरकारी कार्यालय, स्थानीय प्राधिकरण के कार्यालय तथा बैंक से 200 मीटर की दूरी के भीतर ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। सार्वजनिक स्थान के लिये निर्धारित परिवेशीय ध्वनि मानक से 10 डेसीबल अधिक या ध्वनि करने वाले लाउड स्पीकर पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। अनुमति के लिए जिले के समस्त एसडीएम अपने-अपने क्षेत्राधिकार अन्तर्गत आवश्यकता होने पर विशेष परिस्थितियों में ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग की अनुमति देने के लिये सक्षम प्राधिकारी होंगे। उक्त आदेश का उल्लंघन भादंसं की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर अधिनियम के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
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