अब्दुल वाहिद काकर, ब्यूरो चीफ, धुले (महाराष्ट्र), NIT:भीड़तंत्र द्वारा की जा रही कानून की अनदेखी और अमानवीयता के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग को लेकर धुलिया के मुस्लिम समुदाय की इंसाफ आक्रोश मोर्चा संयोजन समिति ने राष्ट्रपति के नाम ज़िला अधिकारी राहुल रेखावर को ज्ञापन सौंपा और भीड़तंत्र के विरुद्ध कानून बनाने की मांग को लेकर शहर स्थित क्योंमाइन क्लब के सामने बेमुद्दत अनशन शुरू किया है।राजस्थानइंसाफ आक्रोश मोर्चा संयोजन समिति ने कहा है कि देश के हर हिस्से में लगा तार मॉब लिंचिंग के मामले घटित होने की खबरें आ रही हैं। बेबुनियाद और तथ्यहीन बातों को लेकर एक धर्म विशेष को निशाना बनाया जा रहा है। दर्जनों घटनाओं में कई घरों के चिरागों को मौत के घाट उतार दिया गया है। यह भी देखने में आया है कि अधिकांश मामलों में सरकार और पुलिस प्रशासन ने पीड़ित लोगों के साथ अच्छा व्यवहार और इंसाफ की दलील पेश करने के बजाए उल्टे उनसे व उनके परिवारजनों से अभद्रता की है। यह सिलसिला अखलाक की मौत से शुरू होकर तबरेज की मौत तक आ पहुंचा है। इन सभी मामलों में साजिश और कूट रचना के तहत मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। भीड़तंत्र की हिंसात्मक गतिविधियों पर सख्त कदम उठाने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। माॅब लिंचिंग के खिलाफ फांंसी की सजा का प्रावधान किया जाए। तबरेज अंसारी मामले में निष्पक्ष कार्रवाई कराकर इंसाफ दिलाया जाए।इसी तरह चार दिन पहले ही धुलिया शहर में मुस्लिम समुदाय के किशोरों को हिंदू धर्म की महिला व लड़की से बात करने के अपराध में बजरंग दल के संजय शर्मा आदि ने नाम जाति पूछकर उन पर जानलेवा हमला किया था। समय रहता इस तरह की भीड़ जमा कर हत्या मारपीट की घटनाओं को नहीं रोका गया तो देश के क़ानून व्यवस्था पर से लोगों का विश्वास उठ जाएगा।इंसाफ आक्रोश मोर्चा के अध्यक्ष जुबेर शेख ने कहा कि संप्रदाय विशेष के नागरिकों पर कथित अराजक समूहों द्वारा अगर मॉब लिचिंग पर सख्त कार्रवाई नहीं की तो ना सिर्फ देश की अखंडता पर खतरा गहरा जाएगा बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास जीतने का लक्ष्य भी टूट जाएगा। ऐसे में यह जरूरी है कि मॉब लिंचिंग के दोषियों पर सख्त कार्रवाई के लिए नया कानून बनाया जाए। देश में अल्पसंख्यकों के साथ मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं। झारखंड में तबरेज अंसारी की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या का ताजा मामला सरकार की कानून व्यवस्था की पोल खोलता है। भीड़ द्वारा इतनी बर्बरता और अमानवीयता के साथ सिर्फ इसलिए हत्या कर दी जाए क्योंकि वह एक विशेष समुदाय से संबंध रखता था अत्यंत निंदनीय है। यह सिर्फ एक व्यक्ति नहीं है जो मारा गया है, यह हमारी सामूहिक नैतिकता और कानून के राज पर हमला है।
इस अवसर पर हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के नागरिक अनशन आंदोलन को समर्थन देने पहुँचे। इसमें अनशन पर बैठे एडवोकेट जुबेर शेख, गफ्फार अंसारी, मुनाफ शेख, अशरफ मंसूरी, आसिफ शाह, हाजी रोशन पिंजारी आदि के अलावा मुस्लिम समुदाय के नगरसेवक साबीर खान, मुख्तार मंसूरी सबीउल हसन मुन्ना सेठ, आमीन पटेल, लल्लू अंसारी, शव्वाल अंसारी, सलाम मास्टर, शकील ईशा उपस्थित रहे।विभिन्न संगठनों ने दर्शाया आंदोलन को समर्थन इस मौके पर जिले के विभिन्न राजनीतिक दलों ने भीड़ तंत्र द्वारा एक विशेष समुदाय के लोगों के खिलाफ सुनियोजित तरीके से अमानवीयता बर्बरता पूर्वक जानलेवा हमलों का निषेध किया है और माॅब लिंचिंग के विरुद्ध कड़े कानून बनाने की मांग को राज चौहान, राहुल वाघ, योगेश जगताप, प्रमोद शिरसाठ, संतोष चौहान, कल्पना गंगवार आदि ने समर्थन किया है।
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