वाकडी अपहरण कांड: प्रेस ब्रिफिंग के बाद पुलिस ने दर्ज की एफआईआर | New India Times

नरेंद्र इंगले, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

वाकडी अपहरण कांड: प्रेस ब्रिफिंग के बाद पुलिस ने दर्ज की एफआईआर | New India Times

जलगांव जिले के जामनेर तहसिल के वाकडी गांव से 19 मार्च से लापता निर्दलिय ग्राम पंचायत सदस्य विनोद चाँदने के अपहरण के पुख्ता सबुत मिलने के बावजुद पुलिस प्रशासन द्वारा संदिग्धों के खिलाफ़ फ़ौजदारी दायर करने में हो रही अनदेखी के चलते पीड़ित के परीवार वालों ने आज मीडिया के सामने अपनी बात रखी जिसके बाद तत्काल प्रभाव से आज देर शाम पहुर कोतवाली में राजेंद्र चाँदने की तहरीर पर आरोपी शेखर वाणी, महेंद्र राजपुत, नामदार तडवी, विनोद देशमुख के खिलाफ़ धारा 363, 364, 120 ब, 341 व अनुजाती अत्याचार निवारण कानून की धारा 3 (2) ब तहत मामला दर्ज किया गया है। इसी बीच न्याय मांगने की गुहार लिए जामनेर के एक निजी चैनल के स्टूडियो पहुंचे पीड़ित विनोद के भाईयों में से विजय चाँदने ने एक आधिकारिक बयान दिया है जिसमें कहा है कि उनका भाई विनोद ग्राम पंचायत में निर्दलिय सदस्य होने के नाते पंचायत के प्रशासनिक कामकाज पर पैनी नजर रखता था और विभिन्न योजनाओं के समन्वय को लेकर सूचना अधिकार कानून के तहत पत्राचार भी करता था। विनोद के इसी रवैय्ये से पंचायत का भ्रष्टाचार उजागर हो रहा था। भ्रष्टाचार उजागर होना सत्तापक्ष के लिए सिरदर्द बन चुका था। इसी से नाराज गांव के धन्नासेठ तथा पंचायत सदस्य और ठेकेदार शेखर वाणी के सहयोगी विनोद देशमुख ने विनोद को जान से मारने कि धमकी दी थी, जिसके कुछ महीनों पहले वाणी के कहने पर धनराज जोशी, प्रविण औटी, मोहसिन तडवी, फिरोज तड़वी, अमजद तड़वी ने विनोद की पिटाई की थी, इतना होने के बाद भी तब हम सभी परिजनों ने मामले को इस लिए सुलटा लिया क्योंकि हम लोग गरीब हैं। लगभग एक महीना पहले जाति वैधता दाखिले के अभाव से सरपंच पद गंवा बैठी नसीबाई तड़वी के निलंबन के लिए विनोद को जिम्मेदार मानकर शेखर वाणी के कहने पर कुछ गुर्गो ने विनोद को पीटा था, तब भी हम लोगों ने संयम का परिचय देते हुए झगड़े को बढावा नहीं दिया। विनोद को आखरी बार तलेगांव निवासी महेंद्र राजपुत जो कि आपराधिक प्रवृत्ति का शख्स है के साथ देखा गया था, तब से विनोद लापता है। बयान मे दर्ज किए गए लोगों द्वारा विनोद का अपहरण कर उसके साथ इरादतन संगीन दुर्व्यवहार किया गया है ऐसा आरोप प्रेस रिलीज में किया गया है। पीड़ित के परिजनों के मुताबीक विनोद को लापता हुए पांच दिन होने के दौरान तफ्तीश में पुलिस को विनोद की लावारिस मोटरसाईकिल, मोबाईल और मौक पर पाए गए खुन के धब्बे आदि सबूतों के बाद भी दोषीयो के खिलाफ़ अपहरण का मामला कलमबद्ध नहीं किया जा रहा है। पीड़ित के भाई विजय ने विनोद द्वारा अनूविभागीय पुलिस अधिकारी को पोस्ट किया वह पत्र भी दिखाया जिसमें विनोद ने दबंगों से उसकी जान को खतरा होने की बात कही है।

बहरहाल अपहरण का केस दर्ज होने के बाद इस पुरे मामले में पुलिस अपनी जांच में जुटी है। जब तक विनोद का पता नहीं चल जाता तब तक इस प्रकरण से पर्दा नहीं उठ सकेगा। पीड़ित के परिजनों की जुबानी मीडिया में प्रसारित बयानों के मद्देनजर वक्त का तकाजा यही कहता है कि इस मामले मे निष्पक्षता से जांच कि जानी चाहिए ताकि अगवा किये गये विनोद का पता लग सके।


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