लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार 70 लाख से ज्यादा नहीं कर सकते हैं खर्च, चुनाव में रोज़मर्रा के ख़र्चों की भी देनी होगी जानकारी | New India Times

मकसूद अली, मुंबई/नई दिल्ली, NIT:

लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार 70 लाख से ज्यादा नहीं कर सकते हैं खर्च, चुनाव में रोज़मर्रा के ख़र्चों की भी देनी होगी जानकारी | New India Times

लोकसभा चुनाव में जहां उम्मीदवारों ने बाजी मरने के लिए पूरी तैयारी कर ली है वहीं चुनाव आयोग ने चुनाव के दरम्यान खर्च की अधिकतम सीमा 70 लाख रुपए तय कर उनकी परेशानी बढ़ा दी है। उम्मीदवारों को रोज के खर्चों का हिसाब जिला निहाय सनियंत्रण समिति को देना अनिवार्य किया है। चुनावी खर्च के लिए उम्मीदवारों को हमेशा की तरह स्वतंत्र बैंक खाता भी खोलना अनिवार्य किया गया है।

चुनाव में भले ही खर्च की सीमा तय की गई हो, लेकिन चुनावी खर्चों को कई तरीके से किया जाता रहा है। अधिकांश उम्मीदवार पैसों के भरोसे ही चुनावी समर में कूदते और जीत दर्ज करते देखे जाते हैं। चुनाव आयोग भी ऐसे खर्चों पर टेढ़ी नजर रखे हुए है।

पिछले लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग को 3426 करोड़ रुपए मिल थे. इस बार आयोग को और अधिक खर्च वहन करना पड़ेगा. जब टी एन शेषण मुख्य चुनाव आयोग थे, तो उन्होंने चुनावी खर्च की मर्यादा का क्रम शुरू किया था।
इस लोकसभा चुनाव की खर्च मर्यादा 70 लाख रुपए रखी गई है। खुले वर्ग के उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए 25000 तो आरक्षित वर्ग के तहत चुनाव लड़ने के लिए 12500 रुचपए जमानत के तौर पर भरना अनिवार्य किया गया है।
चुनाव आयोग इस बार मतदान केंद्रों पर उम्मीदवारों के शपथपत्र भी प्रकाशित करेगा जिसमें उम्मीदवारों पर दर्ज अपराध, सम्पत्तियों और शिक्षा का जिक्र होगा। इससे मतदाताओं में मतदान करते वक़्त उत्कृष्ट उम्मीदवारों का चयन करने में जागरुकता पैदा होगी।

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