दलालों और तहसीलदार की सांठगांठ से हुआ कीमती सरकारी जमीन का नामांतरण, शातिर दलालों ने आपत्ति कर्ताओं को भी नहीं लगने दी भनक | New India Times

रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

दलालों और तहसीलदार की सांठगांठ से हुआ कीमती सरकारी जमीन का नामांतरण, शातिर दलालों ने आपत्ति कर्ताओं को भी नहीं लगने दी भनक | New India Times

झाबुआ जिले के मेघनगर नगर के बीचों बीच शासन की बेशकीमती मंडी नजूल की करोड़ों रुपए की जमीन पर भूमाफियाओं की निगाहे जमी हुई हैं। नगर के 8 व 9 के सर्वे नंबर मंडी नजूल ब्लॉक नजूल की भूमि है परंतु उक्त भूमि पर भूमाफियाओं ने राजस्व अधिकारियों से सांठ गांठ कर धीरे धीरे नगर की कई बीघा भूमि पर कब्जा कर लिया है। वर्तमान में कुछ थोड़ी बची हुई भूमि सर्वे नंबर 557 एवं 485 में दशहरा मैदान पर बची है उस पर भी लंबे समय से किसी गुप्ता परिवार के साथ मिलकर भुमाफिया उक्त जमीन को हड़पने का प्रयास कर रहे हैं।

दलालों और तहसीलदार की सांठगांठ से हुआ कीमती सरकारी जमीन का नामांतरण, शातिर दलालों ने आपत्ति कर्ताओं को भी नहीं लगने दी भनक | New India Times

प्रदेश में सरकार के बदलते ही अचानक नगर की बहुमूल्य कीमती सरकारी जमीन पर अधिकार क्षेत्र के बाहर होकर व षडयंत्र पूर्वक तहसील मे नामांत्रण करने का सिलसिला धड़ल्ले से प्रारंभ हो गया है। पिछले कई वर्षों से नगर के हित में सोचने वाले पत्रकार व गणमान्य नागरिकों ने नजूल भूमि को बचाने के लिए पिछले दिनों भी लंबी लड़ाई लड़ी व शासकीय भूमि को बचाई है परंतु भूमाफियाओं के द्वारा प्रलोभन और चांदी के जूते मारे जाने से स्थानीय तहसीलदार के द्वारा अपने क्षेत्राधिकार के विपरीत आपत्ति कर्ताओं को बिना सूचना दिए चुपचाप सर्वे नंबर 557 के कुछ भूखंडों का नामांतरण कर दिया गया। जन चर्चा है कि सर्वे नंबर 485 का भी नामांतरण कर दिया गया है। यह कार्य चांदी के जूते खा कर चंद टुकड़ों में वतन के नमक के साथ गद्दारी कर सरकार बदली है, अब पैसे फेको काम करा लो अभियान धड़ल्ले से चलेगा।

दलालों और तहसीलदार की सांठगांठ से हुआ कीमती सरकारी जमीन का नामांतरण, शातिर दलालों ने आपत्ति कर्ताओं को भी नहीं लगने दी भनक | New India Times

सर्वे नंबर 557 एवं 485 को लेकर पूर्व सरपंच पुरुषोत्तम प्रजापति एवं पूर्व सरपंच अभिभाषक स्वर्गीय मनोहर कावडीया ने लंबी लड़ाई लड़ी है जो आज भी जारी है। भूमि माफियाओं के सरकार बदलने के साथ सक्रिय होना और प्रशासन के आचरण में भ्रष्ट प्रवृत्ति आने से भय का वातावरण बना है। इस माहौल में समाजसेवी अब इस प्रकरण में आगे चुनौती देंगे यह विचारणीय प्रश्न है।

दलालों और तहसीलदार की सांठगांठ से हुआ कीमती सरकारी जमीन का नामांतरण, शातिर दलालों ने आपत्ति कर्ताओं को भी नहीं लगने दी भनक | New India Times

ज्ञात हो कि नगर में स्थित सर्वे नंबर 557 एवं 485 के भूखंडों को लेकर बीते वर्ष सुरेश चंद्र पिता रमेश चंद्र गुप्ता परिवार द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय मेघनगर में मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 109 110 के तहत नामांतरण आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिस पर कार्यालय ने विधिवत रूप से विज्ञप्ति प्रसारित कर आपत्ती प्रस्तुत करने की समय अवधि नियत की थी जिस पर नगर पूर्व सरपंच पुरुषोत्तम प्रजापति एवं पार्षद एवं पत्रकार और गणमान्य नागरिक द्वारा उक्त दोनों सर्वे नंबर पर नामंत्रण को लेकर आपत्ति प्रस्तुत की थी तथा नगर परिषद अध्यक्ष एवं प्रशासन मेघनगर द्वारा केवल एक मात्र सर्वे नंबर 485 दशहरा मैदान पर आपत्ती प्रस्तुत की जिस पर विधिवत सुनवाई के बाद अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा नामांतरण आवेदन क्षेत्राधिकार का ना होने की वजह से स्थानीय तहसील न्यायालय मैं स्थानांतरित किया गया। उक्त प्रकरण में भोपाली तहसीलदार द्वारा विधिवत आपर्तिकर्ताओं को बिना कोई सूचना पत्र दिए एवं बिना उनका पक्ष सुने गोपनीय रूप से पटवारी गिरदावर से मिलकर सर्वे नंबर 557 का नामांतरण स्वीकार किया गया जिसकी खबर मिलते ही नगर के लोगों में जन आक्रोश दिखाई दे रहा है जिसको लेकर नगर के सारे पत्रकारों द्वारा नगर परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से प्रेस वार्ता कर जानकारी ली गई कि नगर के इन दो नंबर का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद भी 21 जनवरी 2019 को सर्वे नंबर 557 के भूखंडों का नामांतरण किया जा चुका है एवं संभवत दशहरा मैदान के भूखंडों का अभी नामांतरण हो सकता है जिस पर आप क्या कार्रवाई करेंगे तो मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा बताया गया है कि दशहरा मैदान के संबंध में हम केस लड़ रहे हैं और किसी भी हालत में इसे से जाने नहीं देंगे। जब पत्रकारों द्वारा सर्वे नंबर 557 के बारे में पूछा गया है कि यह नंबर कहां पर है तो जवाब दिया गया कि इसकी जानकारी मुझे नहीं है इस संबंध में जाने से कोई डिक्री पारित हुए हो तो इसकी जानकारी दो मुझे नहीं है और इस संबंध में कोई रिकॉर्ड भी नगर परिषद के पास नहीं है। कुछ समय पूर्व आपकी पद का गलत तरीके से इस्तेमाल किए जाने पर आपने क्या कार्रवाई की तो बताया गया कि हमने संबंधित व्यक्ति के खिलाफ थाने पर आवेदन दिया था जिस पर पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading