झाबुआ जिला में आबकारी विभाग का कार्य करनी पड़ती है पुलिस को, आबकारी अमले पर शराब माफियाअों के साथ मिलीभगत का आरोप | New India Times

रहीम शेरानी हिंदुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

झाबुआ जिला में आबकारी विभाग का कार्य करनी पड़ती है पुलिस को, आबकारी अमले पर शराब माफियाअों के साथ मिलीभगत का आरोप | New India Times

बताया जाता है कि मध्यप्रदेश का सबसे अधिक कमाई वाला विभाग आबकारी है जिसका कार्यालय झाबुआ जिले के मेघनगर में भी है। यह कार्यालय कब खुलता है कब बंद होता है और कौन-कौन से कर्मचारी हैं, कितने हैं किसी को पता नहीं है। आबकारी विभाग का कार्य पुलिस को करना पड़ रहा है जबकि आबकारी विभाग वाले मलाई खा रहे हैं।

झाबुआ जिला में आबकारी विभाग का कार्य करनी पड़ती है पुलिस को, आबकारी अमले पर शराब माफियाअों के साथ मिलीभगत का आरोप | New India Times

विभाग वालों को नहीं पता कि यहां शराब कहां कहां बिकती है, ताड़ी कहां कहां बिकती है, अश्लील वीडियो CD कहां बिकती है, कहां-कहां डाउनलोड होती है? नगर में केबल ऑपरेटर कितने हैं, कितने कनेक्शन चल रहे हैं? कितनी रायलटी होती है कितनी जमा करते हैं कोई अता-पता नहीं, साहब तो सिर्फ ऊपरी कमाई वह सेटिंग करने में मशगूल हैं तभी तो एयर कंडीशन से निकलना मुनासिब नहीं समझते। खैर जो भी हो वह तो वही जानें लेकिन पूरे जिले में अवैध शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर हो रहा है। यहां नशा मुक्ति अभियान की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।


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