अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:
राजस्थान कांग्रेस में पहली बार अपनाए जा रहे एक अलग तरीके के तहत 16 से 20 जनवरी तक सभी पच्चीस लोकसभा क्षेत्रों के जनप्रतिनिधि व सक्रिय कार्यकर्ताओं को बारी बारी से जयपुर में मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर बूलाकर स्थानीय मुद्दों व समस्याओं के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के अलावा प्रभारी महासचिव व सचिव के साथ साथ प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में फीडबैक लेने से आम कांग्रेसी कार्यकर्ता सत्ता में अपनी भागीदारी समझते हुये काफी उत्साहित व आत्मविश्वास से लबरेज होता नजर आ रहा है।
हालांकि जयपुर में लोकसभा क्षेत्रवार नेताओं व कार्यकर्ताओं को बारी बारी से जयपुर में मुख्यमंत्री आवास बूलाकर उनसे फिडबैक लेने का प्रमुख कारण तो लोकसभा उम्मीदवार के बारे में ठीक ठीक जानकारी लेना मात्र था लेकिन शुरुआत में उम्मीदवारी को लेकर स्थानीय कार्यकर्ताओं में आपसी टकराव के हालात बनने पर आगे हो रही सभी फीडबैक बैठकों में किसी भी उम्मीदवार का नाम कार्यकर्ता को जुबान पर नहीं लाने की शख्ती के साथ अपनी भावनाओं को लिखकर बंद लिफाफा प्रभारी सचिव को देना तय करने के बाद आपसी टकराव के हालात तो नहीं बन रहे हैं लेकिन फिर भी इशारों ही इशारों में तेज तर्रार कार्यकर्ता अपनी बात चालाकी के साथ बैठक में जरूर रखने में कामयाब हो रहे हैं।
राजनीति में एक कहावत बडी प्रचलित है कि नब्बे प्रतिशत हवा पानी और दस प्रतिशत असलियत की तर्ज पर विभिन्न तरह के विज्ञापन समाचार पत्रों में देने के अलावा अलग अलग तरह के कार्यक्रम आयोजित करके राजनीतिक दल अपना हवा पानी जनता की नजर में ठीक बनाने के लिये अनेक प्रकार के आयोजन करते रहते हैं। राजस्थान कांग्रेस ने भी खासतौर पर अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने व आत्मविश्वास बनाये रखने के लिए उन्हें जयपुर मुख्यमंत्री आवास में बूलाकर लजीज पकवानों का भोजन परोस कर एवं उनकी बात व सूझाव बडे नेताओं की मौजूदगी में सुनकर उनके सत्ता में हिस्सेदारी होने का अहसास उन्हें करवाते हुये लोकसभा चुनाव में महत्ती व सक्रिय भूमिका अदा करने को एक तरह से प्रेरित व उत्साहित कर रहे हैं जिनमें कांग्रेस पार्टी काफी हद तक सफल भी होती मानी जा रही है।
इस सीलसीले में मुख्यमंत्री आवास पर जाकर आने वाले कार्यकर्ताओं से बात करने पर पाते हैं कि अनेक कार्यकर्ता तो ऐसे भी हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री आवास में पहली दफा कदम रखा है जबकि अनेक कार्यकर्ता अपनी पूर्व रुपरेखा के तहत लिखित में अपने चहते को लोकसभा उम्मीदवार बनाने के पक्ष में अनेक तर्क लिखकर देकर आये हैं। वहीं कुछ कार्यकर्ता सम्भावित उम्मीदवार की कारसेवा करने से भी बाज नहीं आये हैं पर अधीकांश कार्यकर्ताओं की जुबान से कांग्रेस द्वारा जयपुर में उन्हें बुलाकर सीनियर नेताओं के सामने दिल की बात व सूझाव रखने को एक अच्छा अवसर व परिपाटी डालना मान रहे हैं। जल्द ही प्रत्येक लोकसभा से तीन तीन उम्मीदवारों के पैनल पार्टी हाईकमान को भेजे जाने हैं जिसके बाद इच्छुक उम्मीदवारों के मध्य गडे मुर्दे उखाड़ने का सीलसीला शुरू होना है।
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