कपास पर इल्लियों की मार राष्ट्रीय आपदा जैसी : सिकंदर शाह | New India Times

मकसूद अली, यवतमाल (महाराष्ट्र), NIT; ​​
कपास पर इल्लियों की मार राष्ट्रीय आपदा जैसी : सिकंदर शाह | New India Timesशेतकरी वारकरी संगठन के जिलाध्यक्ष व कांग्रेस नेता सिकंदर शाह ने कहा कि देश, राज्य और जिले में बड़े पैमाने पर कपास उत्पादन होता है। 2 करोड़ कपास उत्पादक किसान, इससे जुड़े वस्त्रोद्योग, प्रक्रिया उद्योग पर 5 करोड़ लोग निर्भर है। उन्होंने इस संकट को राष्ट्रीय आपदा जैसा बताते हुए कहा की बीजी 2 के पुराने प्रक्रिया रहित बीज किसानों के मत्थे मारे जाने से पूरे देश, राज्य और जिले में कपास फसल पर गुलाबी इल्लियों का संकट आया है, जो राष्ट्रीय आपदा होने से सरकार द्वारा इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत ध्यान देकर जरूरी मदद, कार्रवाई और उपाय योजनाएं करने की आवश्यकता है।​

उन्होंने विश्रामगृह में आयोजित पत्रकार परिषद में कहा कि राज्य में 40 लाख हेक्टेयर और इसमें यवतमाल जिला राज्य के कुल कपास उत्पादन में 13% उत्पादन करता है लेकिन पिछले वर्ष से कपास फसल पर गुलाबी इल्लियों की मार से फसल नष्ट हुई है। इल्लियों के प्रभाव के कारण किसानों को फसल उखाड़ कर फेंक देनी पड़ी तो इससे पहले यवतमाल जिले समेत अनेक जिलों में कीटनाशक छिड़काव की घटनाएं हुईं। अकेले यवतमाल जिले में बीते वर्ष 22 से अधिक किसान मजदूरों को जान गंवानी पड़ी। इसे ध्यान में लेकर इस वर्ष कपास उत्पादक किसानों को आर्थिक बर्बादी से बचाने और फसल बचाने के उपाय करने जरूरी थे, लेकिन उपाय नहीं किए गए।​
कपास पर इल्लियों की मार राष्ट्रीय आपदा जैसी : सिकंदर शाह | New India Timesइस बार भी जिले में लगभग 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की कपास पर कपास फूल उगते ही इल्लियों की मार पड़नी शुरू हो चुकी है। सरकार और प्रशासन अब तक किसानों को फेरोमान ट्रैप, छिड़काव के लिए सुरक्षा कीट नहीं दे पायी है। उन्होंने बताया कि करीब 80 फिसदी कपास फसल पर इल्लियों का प्रभाव है जिससे किसानों को कृषि विभाग तुरंत फेरोमेन ट्रैप बांटे, साथ ही बीटी, बीजी 2 और अन्य बीज उत्पादक कंपनियों को अब इस ट्रैप को बीजों के साथ किसानों को देने की सख्ती करे सरकार इस संकट से निपटने, प्रसार माध्यमों कृषि सहायकों के जरिए गांवों में किसानों में जनजागरण करे। शेतकरी वारकरी संगठना यवतमाल के 122 गांवों में इस संकट से बचने के लिए किसानों में जनजागरण कर रही है। इस संकट से निपटने के लिए जिलाधिकारी के साथ चर्चा की गयी है।

शेतकरी वारकारी संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि गुलाबी इल्लियों के प्रभाव को रोकने के उपाय योजना और सतर्कता बरतने के संबंध में राज्य के कृषि मंत्री को जिलाधिकारी के जरिए ज्ञापन भेजा गया है। वर्ष 2016-2017 में इस संकट के कारण कपास उत्पादक किसानों भारी नुकसान उठाना पड़ा था लेकिन इसके बावजूद सरकार और प्रशासन द्वारा कोई उपाय योजना नहीं करता दिख रहा है। पत्रकार परिषद में उनके साथ किसान नेता विजय निवल, अशोक भुतडा आदि उपस्थित थे।


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