दयाशंकर पांडेय, प्रतापगढ़ (यूपी), NIT;
पूर्व CMS प्रतापगढ़ डॉ आर डी द्विवेदी मूलतः पड़ोसी जनपद जौनपुर के रहने वाले हैं जो कई वर्षों तक प्रतापगढ़ में स्वास्थ्य सेवा जनता को दिये हैं इस दौरान चारित्रिक दोष नहीं रहा। अब 62 वर्ष की उम्र में पत्नी की मृत्यु के बाद चरित्र पर भी लोग लांछन लगाने से बाज़ नहीं आए। क्या उनकी प्राईवेट प्रैक्टिस से उनसे कोई चिकित्सक प्रभावित होकर ऐसा आरोप लगवाने के लिये उक्त युवती को अपनी साजिश का हिस्सा बनाया है???चूंकि डॉ आर डी द्विवेदी की अच्छी प्राईवेट प्रैक्टिस है। वो अब प्रतापगढ़ में जमीन तलाश रहे थे कि शहर में अपना एक हॉस्पिटल हो और वो पूरी तरह से प्राईवेट प्रैक्टिस करें। अपनी जमीन न मिलने तक किराये का मकान भी तलाश रहे थे। कहीं उनका ये फैसला किसी प्रतियोगी चिकित्सकों को रास न आया हो और उनकी मंशा पर पानी फेरने के लिये ये साजिश रची कि डॉ आर डी द्विवेदी का चारित्रिक हनन कर उन्हें प्रतापगढ़ से भागने के लिये विवश होना पड़े। प्रकरण अति संवेदनशील है और इसकी जांच किये बिना चिकित्सक के विरुद्ध कोई पुलिसिया ऐक्शन ठीक नहीं…!!!
जिला चिकित्सालय प्रतापगढ़ में घटित घटना के संबंध में विचारणीय प्रश्न…???
- नींद की गोली अधिक मात्रा में पहले से खाई महिला को बेहोशी का इंजेक्सन लगाने के बाद भी वो महिला कैसे होश में थी कि उसे पता चला कि उसके प्राइवेट पार्ट से कोई छेड़छाड़ कर रहा है या किया है…??? यह एक विचारणीय प्रश्न है।
- वह युवती नींद की गोली अधिक मात्रा में क्यों खाई थी…??? यह भी जांच का विषय है।
- उक्त युवती का चरित्र कैसा है…???
- समाज में उसकी स्वीकारता कितनी है…???
ऐसा आरोप आजकल कुछ महिलाएं लगाकर सामने वाले को ब्लैकमेल करती हैं अथवा किसी से किसी कम्पटीशन वाले डॉक्टर से नर्सिंग होम से प्रायोजित होकर ये कार्य करती हैं। लिहाजा बिना सच्चाई जाने किसी निर्दोष को गलत मानकों को आधार बनाकर प्रताड़ित करना अन्याय होगा। इसकी जांच होना आवश्यक है। ऊपर से डॉक्टर जैसी पोस्ट को ध्यान में रखकर पुलिसिया कार्यवाही होनी चाहिए अन्यथा कहीं ऐसा न हो कि पुरुष डॉक्टर महिलाओं को छूने से डरें, दवा करना तो दूर की बात है…!!!
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