आम आदमी पार्टी के अनिश्चितकालीन अनशन का दूसरा दिन, भीषण गर्मी में चार नेता बैठे हैं अनशन पर, देश-प्रदेश से आप के अनशन को समर्थन मिलना शुरू, जल्द शुरू होगा केंद्रीय नेताओं के आने का सिलसिला | New India Times

अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT; ​आम आदमी पार्टी के अनिश्चितकालीन अनशन का दूसरा दिन, भीषण गर्मी में चार नेता बैठे हैं अनशन पर, देश-प्रदेश से आप के अनशन को समर्थन मिलना शुरू, जल्द शुरू होगा केंद्रीय नेताओं के आने का सिलसिला | New India Timesआम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने पार्टी के अनिश्चितकालीन अनशन के दूसरे दिन कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज किसान के जो हालात हैं, उससे किसानों को उबारने के लिए हम सभी को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि किसान के उपजाये अन्न से ही हमारा शरीर बनता है इसलिए वह हमारे मां-बाप हैं। इस वक्त किसान जो हमारे शरीर को बनाने वाले मां-बाप हैं, उन पर आपत्ति आई है, तो इसे हमें मिलकर ही टालना है। अगर आज हम यह नहीं करेंगे तो हम अपने आप को कभी माफ नहीं कर पाएंगे। आज जो हालात हैं, उसमें हर विरोध की आवाज को, चाहे वह कोई भी आवाज हो, उसे दबाने का प्रयास होता है। किसानों पर गोली चला दी जाती है, तो अन्य आवाजों को भी कुचल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में हम अपनी सबसे बड़ी कोशिश जो कर सकते हैं, वह यह है कि हम अपना जीवन दांव पर लगा सकते हैं। गांधी जी भी ऐसा किया करते थे। जब भी बहुत गंभीर स्थितियां बन जाती हैं, तो एक आम इंसान के लिए अनशन एक बड़ी ताकत होती है। 

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने शनिवार से किसानों की कर्ज माफी और फसलों के उचित दाम समेत बिजली एवं रोजगार के मसले पर यादगार-ए-शाहजहानी पार्क में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया है। इस अनिश्चितकालीन अनशन में श्री अग्रवाल के साथ अशोक सहाय धुर्वे, आफत सिंह यादव और धनीराम भाई भी बैठे हैं। 
उन्होंने कहा कि हमें अनशन का अर्थ भी समझना चाहिए। अनशन का मतलब क्या होता है। जो देश-प्रदेश में गड़बडिय़ां चल रही हैं, जो अन्याय हो रहा है। किसान मर रहा है। तो ऐसे हालात में हम अनशन कर इस कष्ट को अपने शरीर पर लेते हैं। यह अनशन सिर्फ सरकार के लिए नहीं होता। यह पूरे देश के लिए होता है। हम देशवासियों का अनशन के जरिये आह्वान करते हैं कि किसानों के, युवाओं के, बिजली के, आम आदमी के इन मुद्दों पर आप भी उठ खड़े हों। उन्होंने कहा कि जब सबकी आवाज मिलेगी, तो सरकार को सुनना ही पड़ेगा। 
उन्होंने कहा कि हम चार साथियों से हो सकता है, वह हम कर रहे हैं। इसमें शरीर को कष्ट तो होता है, लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि इससे किसानों का कष्ट बहुत बड़ा है। हम जिस गर्मी में बैठ नहीं पाते हैं, उस गर्मी में किसान लाइन में लगा होता है, और मर रहा है। आप सोचिए कि जो किसान आत्महत्या कर रहा है, वह किस पीड़ा में होगा। जिसका परिवार भूखा है और उसे कर्ज देने वाला परेशान कर रहा है। ऐसे हालात में कुछ किसान रोज आत्महत्या कर रहे हैं और ऐसे लाखों किसान हैं, तो हालात से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि आत्महत्या तो किसान के लिए अंतिम विकल्प है। कितने ही किसान इस कगार पर हैं। हमें इसे रोकना है। अपनी जान को दांव पर लगाकर इसे रोकना है। 
उन्होंने कहा कि जो लोग यह समझ रहे हैं कि यह कोई चुनावी स्टंट है, तो उनसे कहना चाहते हैं कि चुनाव तो अभी छह महीने दूर हैं। जिस गति से किसान आत्महत्या कर रहे हैं, उससे तो चुनाव तक 1000 किसान और आत्महत्या कर लेंगे, तो हम इसका इंतजार नहीं कर सकते हैं। इसलिए हम अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने प्रदेश भर से आए कार्यकर्ताओं से अपील की कि पूरे प्रदेश की जनता तक किसानों के हालात को पहुंचाना होगा और इस जागृति को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा कर हम इस लड़ाई को प्रदेश व्यापी बनाएंगे। 

उन्होंने कहा कि हमें पूरी ताकत से लडऩा हैं और इससे ही नतीजा निकलेगा। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश और देश में यह आवाज जा रही है और अनशन को समर्थन देने के संदेश आ रहे हैं। आने वाले दिनों में लोग पूरे देश और प्रदेश से आना शुरू होंगे। उन्होंने कहा कि सच्चाई और ईमानदारी की लड़ाई के साथ ईश्वर-अल्लाह की ताकत होती है। हमें अपनी न्याय की लड़ाई और किसान, बिजली और युवाओं को रोजगार की मांगों के लिए डट कर बैठना है। 


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