मोहम्मद सलमान, रायबरेली ( यूपी ), NIT; उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों की हालत में कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। शिक्षकों को मोटी रकम वेतन के रूप तो मिलती है लेकिन वह उस के हिसाब से शिक्षा और बच्चों पर ध्यान नहीं देते हैं। कहीं शिक्षक गायब रहते हैं तो कहीं छात्र। सरकारी स्कूल महज शिक्षा के नाम पर खानापूरी बन कर रह गए हैं। कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिला के विकास खंड खीरों क्षेत्र में सामने आया है।रायबरेली जिला के विकास खंड खीरों क्षेत्र के अतहर व लल्ला खेड़ा के प्राथमिक विद्यालयों की दशा बद से बदतर दिखाई दे रही है।यहां प्रतिदिन बच्चों को मिड डे मील में तहरी ही खिलाई जा रही है। वहीं दूसरी ओर अध्यापकों का कहना है कि समय से राशन नहीं मिलता है और सरकार की तरफ से जो पैसा भेजा जाता है वह अपने समय पर नहीं आता है जिसके कारण हम लोग प्रतिदिन बच्चों को तहरी ही खिलाते हैं। यही हाल लल्ला खेड़ा में स्थित जूनियर व प्राइमरी स्कूल का है। वहां पर भी चार्ट के हिसाब से बच्चों को मिड डे मिल का भोजन नहीं मिल पा रहा है।बजब मीडिया टीम लल्ला खेड़ा प्राइमरी स्कूल पहुंची तो मालूम हुआ कि कई दिनों से प्राइमरी के प्रधान शिक्षक दीपक कनौजिया स्कूल से गायब हैं। जानकारी करने पर पता चला कि वह छुट्टी पर हैं। अध्यापकों ने बताया कि प्रार्थना पत्र स्कूल में छोड़ कर गए हैं। लेकिन जब प्रार्थना पत्र देखा गया तो उसमें ओवरराइटिंग देखने को मिली।
इस विषय में जब खंड शिक्षा अधिकारी रवि कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हां उन्होंने फोन किया था लेकिन प्रार्थना पत्र हमको देकर नहीं गए हैं और न ही बताया है कि आज मैं स्कूल में उपस्थित नहीं रहूंगा।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.