अविनाश द्विवेदी/पूजा यादव, सागर (मप्र), NIT; यदि किसी क्षेत्र में खुशहाली लाना है, तो उसका एक ही माध्यम है, वह है विकास। खुरई क्षेत्र को खुशहाल बनाने के लिए मैने कोई कसर नहीं छोड़ी। विकास ही मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह बात बुधवार को प्रदेश के गृह एवं परिवहन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने ग्राम सिलौधा में कही। वे यहां लोक कल्याण शिविर को संबोधित कर रहे थे। शिविर में 400 से अधिक लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिया गया।
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि वे लोक कल्याण शिविरों में ज्यादा से ज्यादा समय देना चाहते हैं। इसमें लोगों की समस्याओं को सुनकर मौके पर ही निराकरण करने का प्रयास होता है। अभी तक पूरे विधानसभा क्षेत्र में करीब 50 शिविर आयोजित किए जा चुके हैं। शिविरों में विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ भी लोगों को दिया जाता है।
मंत्री श्री सिंह ने शिविर में 143 ग्रामीणों को आवासीय पट्टे, 66 को प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किश्त, 35 को जाति प्रमाण पत्र, 15 को लाड़ली लक्ष्मी प्रमाण-पत्र, 7 किसानों को भू-अधिकार पुस्तिका, 51 को मृदा हेल्थ कार्ड, 22 को राशन पर्ची, पांच को पेंशन और एक को नलकूप खनन की राशि भी प्रदान की। इसके साथ ही 15 लाख रूपए की लागत से बना पंचायत भवन और दो लाख रूपए के श्रमिक शेड का लोकार्पण किया। मंत्री श्री सिंह ने बताया कि सिलौधा में एक करोड़ 23 लाख रूपए की लागत से हायर सेकेण्ड्री स्कूल भवन बन चुका है। यहां साढ़े सात लाख रूपए का फर्नीचर भी यहां पहुच चुका है। साथ ही यहां तीन कमरों के लिए 20 लाख रूपए स्वीकृत कराए गए हैं। उन्होंने बताया कि करीब 10 करोड़ रूपए की सिलोधा-मूडरी और सिलोधा-जरवांस सड़क बन रही है।
श्री सिंह ने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में जितनी योजनाएं चलाई हैं, उतनी देश में कहीं नही है। सिर्फ खुरई विधानसभा क्षेत्र में फसल बीमा के रूप में 40 करोड़ रूपए दिए जा चुके हैं। किसानों के खातों में एक साल में सरकार ने छह बार राशि डाली है। उन्होंने बताया कि पिछले 50 साल से अटकी चार हजार करोड़ रूपए की बीना परियोजना को उन्होंने शुरू कराया। अगले माह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसका भूमि पूजन करने आ रहे हैं। इस योजना से क्षेत्र में सपन्नता आएगी और क्षेत्र की तकदीर और तसवीर बदल जाएगी। शिविर में क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा नेता, पदाधिकारी, कार्यकर्ता, अधिकारी और बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।
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