मुख्यमंत्री के रूप में अपना आखिरी जन्मदिन मना रहे हैं शिवराज सिंह चौहान: आलोक अग्रवाल | New India Times

अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT;

मुख्यमंत्री के रूप में अपना आखिरी जन्मदिन मना रहे हैं शिवराज सिंह चौहान: आलोक अग्रवाल | New India Times

आम आदमी पार्टी के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आप के प्रदेश संयोजक और राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक अग्रवाल सोमवार को अंबेडकर पार्क पहुंचे और यहां उन्होंने निशक्त जनों की ओर से आयोजित विकलांग महापंचायत में शिरकत की। इस दौरान प्रदेश भर से आए दिव्यांग बंधुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान बतौर मुख्यमंत्री आज अपना आखिरी जन्मदिन मना रहे हैं। जो सरकार प्रदेश के विकलांग भाइयों बहनों की आवाज को नहीं सुन सकती है, उसे सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है।

चुनावी साल में खुल जाते हैं सत्ता के कान

उन्होंने कहा कि चुनावी साल में सत्ता में बैठे लोगों के कान थोड़ा खुल जाते हैं। इसीलिए आज हर व्यक्ति अपनी आवाज उठा रहा है। लेकिन यह बेहद दुखद है कि आप लोगों को भी अपनी पीडा जाहिर करने के लिए इतनी दूर तक आना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि किसी ने कहा कि इस मंच से राजनीति की बात नहीं करनी चाहिए। मेरा मानना है कि इस मंच से सिर्फ और सिर्फ राजनीति की बात करनी चाहिए। राजनीति ही हमारे नमक, बिजली, बच्चों की शिक्षा, पेंशन, रोजगार तक को तय करती है। तो निश्चित रूप से राजनीति की बात होनी चाहिए।

देश को बचाने की लड़ाई है यह

उन्होंने कहा कि आप लोग जो लड़ाई लड़ रहे हैं यह आपकी अपनी लड़ाई नहीं है, यह इस देश को बचाने की लड़ाई है। अंग्रेज चले गए लेकिन हमें आजादी नहीं मिली है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने जो सपना देखा था कि सभी के लिए रोटी, कपड़ा, मकान, बिजली, रोजगार मिलेंगे, लेकिन आज जो हालात हैं, उसमें मध्य प्रदेश में 45 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं। 70 प्रतिशत बच्चों में खून की कमी है। बिजली सबसे महंगी है। 40 लाख परिवारों को एक किमी दूर से पानी लाना पड़ता है। 2500 स्कूल बंद कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य पर सीएजी की रिपोर्ट कहती है जितनी जरूरत है, उसके आधे ही अस्पताल हैं, उनमें से भी आधे में डॉक्टर नहीं है। 5 किसान रोज आत्महत्या कर रहे हैं। तो ऐसे हालात में बिना लड़ाई के कुछ मिलने वाला नहीं। इस प्रदेश, देश और संविधान को बचाने के लिए लड़ाई लडऩे के अलावा कोई रास्ता नहीं है।

महापंचायत की मांगों को पूरा करने का वादा

उन्होंने महापंचायत में वादा किया कि दिल्ली की तरह 2500 रुपए की न्यूनतम पेंशन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कहता कि क्या करेंगे, हम कहना चाहते हैं कि अगली सरकार आम आदमी पार्टी की होगी और इसमें सभी सरकारी पद भर दिए जाएंगे। इसके अलावा प्रतिनिधित्व लोकतंत्र के तहत हर स्तर पर पंचायत से विधानसभा तक दिव्यांगों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
श्री अग्रवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी आंदोलन से निकली पार्टी है। मैं खुद 4 साल पहले ही राजनीति में आया हूँ, उसके पहले 24 साल तक विभिन्न तरह की लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि हमने और अरविंद केजरीवाल ने भी निशक्त जनों की मांगों को भी उठाया है। इसीलिए जब दिल्ली में सरकार बनी तो जो पहला काम किया गया वह था कि निशक्त जनों की पेंशन को 2500 रुपए कर दिया गया। उन्होंने कहा कि आपकी जो मांगें हैं, वह हमारी भी मांगें रही हैं।

10 रुपए रोज में कैसे चले जीवन?

उन्होंने कहा कि आप लोग शिवराज सिंह चौहान के लिए केक लाए हैं, यह बहुत अच्छा है। आज प्रदेश भर में मुख्यमंत्री के होर्डिंग लगे हैं, इनमें बधाइयां दी गई हैं। इनमें से एक एक होर्डिंग पर 10-10 हजार रुपए खर्च किए गए हैं और दिव्यांग पेंशन के नाम पर महज 300 रुपए दिए जाते हैं। यानी 10 रुपए रोज। मुख्यमंत्री जी का यह कैसा मजाक है। कोई व्यक्ति 10 रुपए में कैसे अपना रोज का जीवन चला सकता है? इसलिए मैं कहता हूं कि आज शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री के रूप में अपना अंतिम जन्मदिन मना रहे हैं।

कैसे अभिभावक हैं, जिन्हें निशक्तों का दर्द नहीं दिखता

उन्होंने बताया कि पिछले दिनों मुझे जेल भेज दिया गया। इसकी वजह थी कि मैंने प्रदेश के 2 लाख करोड़ के बिजली घोटालों को उठाया था, पुलिस प्रताडऩा के कारण आत्महत्या करने वाली एक महिला को न्याय की बात उठाई थी इसलिए 17 दिन जेल में रखा गया। उन्होंने बताया कि जेल में उन्होंने संविधान पढ़ा और संविधान में सरकार अभिभावक है। एक अभिभावक के तौर पर हमारे परिवार में सारे बच्चों में जो बच्चा दिव्यांग है, जो निशक्त है, उस पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है। उसको सबसे ज्यादा सुविधाएं दी जाती हैं। उसे सबसे ज्यादा प्यार दिया जाता है। तो फिर बतौर प्रदेश की सरकार को आप लोगों पर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए था, क्योंकि संविधान में सरकार ही अभिभावक है। आपके लिए सबसे ज्यादा सुविधाएं होनी चाहिए थीं, लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि आप लोग बहुत जज्बे वाले लोग हैं, असली विकलांग तो शिवराज सिंह और उनकी सरकार है, जो मानसिक रूप से विकलांग हो चुकी है। जो यह नहीं समझ पा रही है कि उन्हें किसके लिए प्राथमिकता के तहत काम करना चाहिए।

मांगें नहीं अधिकार हैं आपका

उन्होंने कहा कि यह मांगें नहीं है, यह आपका अधिकार है। इसके लिए उन्होंने संविधान के दो अनुच्छेद का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 21 कहता है कि सबको जीने का अधिकार है और अनुच्छेद 14 समता का अधिकार देता है। देश में कोई भेद नहीं हो सकता। तो यह जो मांगें हैं, वह तो आपका अधिकार हैं। यह अधिकार पांच साल पहले मिल चुका होना चाहिए था, जो अब तक नहीं मिला है। इसके कारण को समझना होगा।

पार्टियों से पूछना कि अब तक क्या किया

उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां आएंगी और कहेंगी कि यह मांगें हमारे घोषणा पत्र में शामिल होंगी लेकिन उनसे यह पूछना कि पहले क्या किया। बीते 70 सालों में जितनी भी पार्टियों की सरकारें रहीं, उनके वादों पर ध्यान मत देना यह देखना कि उन्होंने किया क्या है। उन्होंने कहा कि मैं बताना चाहता हूं कि बीते तीन सालों में आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में निशक्त जनों की पेंशन को बढ़ाकर 2500 रुपए कर दिया है। वहीं सभी तरह के शिक्षकों को भी नियमित कर दिया है। इसमें दिव्यांग शिक्षक भी शामिल हैं। इनकी संविदा को खत्म कर नियमित किया गया और समान काम समान वेतन के नियम को पूरी तरह लागू किया गया है।
उन्होंने प्रदेश में आरक्षित पदों के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने सभी आरक्षित पद भी भर दिए हैं लेकिन मध्य प्रदेश में दिव्यांगों के लिए आरक्षित 56 हजार पद खाली हैं, जो भरने ही चाहिए। सरकार से पूछा जाना चाहिए कि इन्हें क्यों नहीं भरा गया है। यह सरकार अपनी तिजोरियां भर रही है, कोठियां भर रही है लेकिन आरक्षित पद नहीं भरती। यह हाल सब जगह है। एससीएसटी के भी 1 लाख 6 हजार पद खाली हैं, वो भी नहीं भरे जा रहे हैं। अगर ये भर जाएं तो कितने लोगों को नौकरियां मिलेंगी। कितने परिवारों का जीवन बेहतर होगा।
उन्होंने कहा कि आप शिवराज सिंह चौहान का मंत्रिमंडल देखिए। इसमें से लक्ष्मीकांत शर्मा 19 महीने जेल में रह चुके हैं। नरोत्तम मिश्रा को चुनाव आयोग ने अयोग्य ठहराया है। लाल सिंह आर्य हत्या के आरोप में फंसे हुए हैं। यह शिवराज सिंह का मंत्रिमंडल बनाया है या कोई गैंग बनाया गया है।


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