अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT; महिला की सुरक्षा और उनके अधिकार की बात करने वाली मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ महिला अध्यापकों ने मुंडन कराकर विरोध जताया है। इस विरोध की गूंज देश भर में हो रही है। अब तक अध्यापक सरकार से अपनी मांगों को लेकर लड़ाई लड़ रहे थे और रैली, धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जताते आये हैं, लेकिन महिलाओं द्वारा मुंडन कराने का यह पहला मामला है, जिस से राजनीति गरमा गई है।
शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग को लेकर अध्यापक लम्बे समय से आंदोलन कर रहे हैं। महिला अध्यापकों ने सरकार की वादा खिलाफी से नाराज होकर मुंडन कराने का पहले ही ऐलान किया था। इसी ऐलान पर अमल करते हुए भोपाल में प्रदेश भर के अध्यापक भोपाल के जम्बूरी मैदान में धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ विरोध करते हुए आजाद अध्यापक संघ की प्रांत अध्यक्षा शिल्पी शिवान सहित 3 महिला अध्यापकों और एक अध्यापक की पत्नी ने सिर मुंडा लिया। महिला अध्यापकों के बाद कई पुरुष अध्यापकों ने भी मुंडन कराया। इस तरह के विरोध के अब प्रदेश की राजनीति गरमा गई है, इसको लेकर तीखी प्रतिक्रिया मिल रही है, कोई सरकार को घेर रहा है तो कोई अध्यापकों के आंदोलन को गलत बता रहा है। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सरकार पर हमला बोलते हुये ट्वीट कर सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा कि “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः, शास्त्रों में लिखा है, जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का राज है जहां महिला शिक्षकों को अपनी मांग को लेकर मुंडन कराने पर मजबूर होना पड़ रहा है!”
दरअसल, अध्यापकों की मांगें हैं कि शिक्षा विभाग में संविलियन, मृतक अध्यापकों के परिवार के सदस्यों को अनुकंपा नियुक्ति, वेतन विसंगति, पदोन्नति और सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए। इन्ही मांगों को लेकर अध्यापकों ने 13 जनवरी को आंदोलन की चेतावनी दी थी। इसी आंदोलन में सरकार के खिलाफ मुंडन कराकर विरोध जातायेंगे।
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