पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस पर स्वच्छता अभियान और 25 सितंबर को होगा रक्तदान शिविर का आयोजन: डॉ. अभिजीत मित्र | New India Times

अली अब्बास, ब्यूरो चीफ, मथुरा (यूपी), NIT:

पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस पर स्वच्छता अभियान और 25 सितंबर को होगा रक्तदान शिविर का आयोजन: डॉ. अभिजीत मित्र | New India Times

उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान, मथुरा के कुलपति डॉ. अभिजीत मित्र ने बताया कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना से पहले सन 1947 में उत्तर प्रदेश पशु चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की गई थी तथा सन 2001 में इस पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। जिसमें पशु चिकित्सा एवं सहयोगी विषयों में शिक्षा, शोध एवं प्रसार की गतिविधियां चलाई जाती हैं। उन्होंने बताया कि यह विश्वविद्यालय मत्स्यिकी, डेरी साइंस, पशु चिकित्सा एवं पशुपालन तथा जैव प्रौद्योगिकी में स्नातक, परास्नातक के साथ-साथ पशुपालन में डिप्लोमा भी प्रदान करता है। विश्वविद्यालय परिसर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जन्मदिवस के अवसर पर 20 सितंबर से 19 अक्टूबर 2025 तक स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा तथा 25 सितंबर 2025 को रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा । विश्वविद्यालय विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं जैसे खाद्य एवं कृषि संगठन, वर्ल्ड बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) कर कार्य करेगा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के दो नवीनतम महाविद्यालय डेरी विज्ञान एवं मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय के द्वितीय वर्ष की कक्षाएं चलाने हेतु उनके शिक्षकों की भर्ती किया जाएगा साथ ही साथ मत्स्य महाविद्यालय पर स्थापित तालाब को आदर्श मत्स्य पालन इकाई के रूप में विकसित किया जाएगा तथा डेरी महाविद्यालय में दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र लगाना जाना प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि 26% दूध उत्पादन के साथ भारत विश्व में प्रथम दुग्ध उत्पादक देश है। उत्तर प्रदेश पूरे देश का 16% दुग्ध उत्पादन करता है। अतः हमारा उद्देश्य लघु तथा सीमांत किसानों के उत्पादन एवं उत्पादक क्षमता को बढ़ाना है। हमें पशु कल्याण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। हमें देसी नस्ल के अच्छे पशुओं के पालन को बढ़ावा देने की आवश्यकता है जिससे अच्छी उत्पादकता प्राप्त की जा सके। उन्होंने बताया कि हमें बीमारियों के समय एंटीबायोटिक के प्रयोग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, इसका प्रयोग सही तरीके से करना चाहिए।

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