शेरा मिश्रा/अविनाश द्विवेदी, कटनी (मप्र), NIT;
विजयराघवगढ़ जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम झिरीया के ग्रामीणों द्वारा कटनी कलेक्टर को शिकायत कर अवगत कराया गया, जिसमें ग्रामीणों ने आरोप लगाए की झिरीया वार्ड नम्बर 2 में निर्मित की गई सीसी रोड गुणवत्ता विहीन है। शिकायत के पश्चात जिला कलेक्टर ने कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग विभाग कटनी को जांच के आदेश दिए। कलेक्टर के आदेश अनुसार कार्यपालन अधिकारी ने झिरीया वार्ड नम्बर 2 की रोड का निरिक्षण किया, जहां पर पंच परमेश्वर योजना अंतर्गत खेर माई से तलाब तक सीसी रोड एंव नाली निर्माण का डीपीआर 7.50 लाख क्षेत्रीय सहायक यंत्री उपयंत्री महिला सरपंच तथा महिला सचिव के हस्ताक्षर से दिनांक 18,01,2017 को को जिरी किये जाने के प्रमाण मिले तथा निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत झिरीया के द्वारा डीपीआर में स्वीकृति के अनुसार 270 मीटर सीसी रोड का निर्माण किया गया, जिसमें सिर्फ 50 मीटर की रोड गुणवत्ता युक्त शासकीय अधिकारियों को धोखा देने के लिए बनाई गई शेष 220 मीटर की रोड गुंडवत्ता विहीन बनाई गई। कार्यपालन अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कलेक्टर को अवगत कराते हुए 220 मीटर की गुणवत्ता विहीन रोड को निरस्त करने व सम्बन्धित सरपंच सचिव सहायक यंत्री से पुर्ननिर्माण कराने या शासकीय राशि वसूल किए जाने की बात लिखी गई। पत्र में यह भी अवगत कराया गया कि सरपंच आदिवासी है, जिससे यह प्रतित होता है कि निर्माण के दौरान क्षेत्रीय सहायक यंत्री उपयंत्री द्वारा कार्य का उचित मार्गदर्शन नहीं दिया गया। नियमानुसार मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल के परिपत्र क्रमांक 7505/22/वि_10/ग्रा या से/16 दिनांक 24,12,2016 में सीसी सडक तथा पक्की नाली बनाने के तकनीकी निर्देश जारी किए गए हैं। उक्त परिपत्र में गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने हेतु अभियंताओं की जिम्मेदारी सुनिश्चित की गयी है। सभी नियम कानून को दरकिनार करते हुए महिला सरपंच सचिव ने जमकर शासकीय राशि का घोटाला कर डाला। पुरुषों से भी ज्यादा दिमाग चलाया भ्रष्टाचारी करने में। 50 मीटर की रोड गुणवत्ता पुर्ण बनाई ताकि अधिकारियों की आखों में धूल झोंक सके और अच्छी खासी राशि हजम कर ले किन्तु ऐसा न हो सका और मामला जांच के दौरान उजागर हो गया। अब ऐसे भ्रष्ट दोनों महिला सरपंच, सचिव, सहायक यंत्री, उपयंत्री जर्जर रोड का पुनः निर्माण कराएं या रोड निर्माण की राशि शासन को वापस करें। जिला कलेक्टर की इस जांच ने ग्रामीणों को जहाँ न्याय दिलाया वहीं ग्रामीणों में खुशी की लहर भी देखी गई है।
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