मो. मुजम्मिल, जुन्नारदेव/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
जुन्नारदेव के अंतर्गत ग्राम पंचायत दातला के नुमाइंदे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत शासन द्वारा गांव-गांव निर्माण विकास कार्य कराने तथा ग्रामीणों को स्थानीय रोजगार उपलब्ध कराने सरकार जागरूकता दिखा रही है लेकिन जवाबदारों की लापरवाही और भर्ष्टाचार और मनमानी के चलते बदहाली का शिकार हो गई है।कागजों में चल रही मनरेगा योजना, कहीं कार्य कहीं बंद तो कहीं अधूरे केन्द्र सरकार ने गांवों में बेरोजगार गरीब लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा योजना संचालित कर रखी है, लेकिन धरातल पर योजना का समुचित लाभ नहीं मिल रहा। कई जगह योजना कागजों में ही चल रही है। कहीं कार्यस्थलों पर श्रमिक नहीं मिलते लेकिन हाजरी पूरी मिलती है एक ऐसा ही मामला मंगलवार को कलेक्ट्रेट में हो रही जनसुनवाई में आया है जिसमे शिकायतकर्ता जो कि स्वयं पंच है उनके द्वारा जनसुनवाई में दिए आवेदन में ये आरोप लगाए गए है कि ग्राम पंचायत दातलावादी में ग्राम सहायक कृष्णा कुमार सोमकुंवर द्वारा मनरेगा के जो मजदूर काम पर नहीं जाते है उनके मस्टर रोल निकालकर हाजरी भरते है और उनको लगातार मजदूरी का फर्जी भुगतान कि जा रहा है ग्राम सहायक द्वारा इन मजदूरों से डाली गई राशि जो कि वसूली जा रही है और ग्राम सहायक द्वारा मनरेगा मजदूरों से अपने निजी घर में भी काम कराया जा रहा है और ग्रामीणों द्वारा यह भी बताया गया है कि ग्राम सहायक द्वारा ग्रामीणों से व मजदूरों से अच्छे तरीके से बात नहीं किया जाता और ग्राम रोजगार सहायक के द्वारा अपने स्वयं के पारिवारिक सदस्यों के खाते में भी पंचायत का पैसा फर्जी रूप से मजदूरी दर्शा कर डाला जाता है एवं वंही मनोज धुर्वे जो मेट का काम करते है उनके परिवार के सदस्यी के खाते में भी मनरेगा योजना से मजदूरी का भुगतान किया जाता है। ग्राम रोजगार सहायक द्वारा शिकायतकर्ता से भी मुख्यमंत्री आवास के लिए 10000 रूपये की मांग किया गया था जो कि उनके द्वारा नहीं दिया। वंही शिकायत कर्ता द्वारा शिकायती पत्र में बताया गया कि ग्राम पंचायत दातलावाडी निवासी अनिल के नाम मुख्यमंत्री आवास सूची में नाम आना था। एवं रोजगार सहायक द्वारा उनसे भी 10000 रूपये की मांग किया गया था जिससे शिकायत कर्ता के हस्तक्षेप के बाद नहीं दिया गया जिससे वह अभी तक सूची में नाम नहीं आया इसकी शिकायत भी जनपद पंचायत जुन्नारदेव में की गई थी साथ ही अन्य ग्रामीणों द्वारा भी आवास के नाम पर 20000 रूपये की मांग किया जाता है। ग्राम रोजगार सहायक की शिकायत ग्रामीणों द्वारा कई बार जनपद में शिकायत की गई है जिसका जनपद के अधिकारियों द्वारा रोजगार सहायक से मिलीभगत के चलते शिकायतो पर आज तक कोई निराकरण नही किया गया है। ना ही कोई जांच की जाती हैं रोजगार सहायक द्वारा इंजीनियर ओर मैट से सांठ गांठ कर फर्जी हाजरी भारी जाती है और वंही जिन मजदूरों के नाम फर्जी हाजरी भर भुगतान किया जाता है और अगर भुगतान के बाद जिन मजदूरो द्वारा पैसे निकालकर नहीं दिया जाता है तो उन्हें उनके जॉब कार्ड बन्द करने की धमकी दी जाती है। ओर उनसे मजदूरी के एवज में थोड़ी से राशि देकर पूरी मजदूरी हड़प ली जाती है उदाहरण के लिए यदि मनरेगा के किसी कार्य में 5 मजदूर काम करते है तो रोजगार सहायक ओर मैट के द्वारा उक्त कार्य मे 25 से 30 लोगों की मजदूरी भरते है जिसे बाद में निकलवाकर आपसे बंदरबांट कर ली जाती है। उनके द्वारा लगभग पिछले 10 वर्ष से इस तरह के फर्जी भुगतान किए जा रहे है और उस तरह से ग्राम पंचायत का वं शासन के पैसा का दुरूपयोग किया जा रहा है। जनसुनवाई में आवेदन के साथ कुछ जॉब कार्ड व अन्य गबन से जुड़े दस्तावेज भी जनसुनवाई में दी गई है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.