निहाल चौधरी, इटवा/सिद्धार्थ नगर (यूपी), NIT:
जनपद की तीन प्रमुख नदियों के खतरा बिंदु से ऊपर जाते ही ग्रामीणों के सामने खतरे का एलार्म बजना शुरू हो गया है। निचली सतह पर बसे नदियों के निकट के लगभग एक दर्जन गांव पानी से घिर चुके हैं, जो इस बात का प्रतीक हैं कि बाढ़ वृद्धि में कुछ सेमीं का उछाल आते ही ग्रामीण क्षेत्रों में सैलाबी तबाही शुरू हो जाएगी। जिलाधिकारी ने जिले के कई क्षेत्रों का दौरा कर स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने को कहा है।
जिले में सैलाब का तांडव मचाने के लिए कुख्यात राप्ती, बूढ़ी राप्ती और कूड़ा नदियों ने खतरे के निशान को पार कर लिया है। शुक्र हैं कि एक और पहाड़ी नदी बानगंगा अभी खतरे के निशान से नीचे है, वरना तबाही का दौर अभी से शुरू हो जाता। क्योंकि बानगंगा आगे चल कर जिले कि पूर्वी छोर पर बू़ढ़ी राप्ती और फिर राप्ती नदी में मिल जाती है। जिससे इन दोनों नदियों पर पानी का दबाव ब़ढ़ जाता है और तबाही का दौर शुरू हो जाता है।
प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार जनपद की सबसे बडी नदी राप्ती सोमवार सुबह टठ बजे से बिंदु से 20 सेमी ऊप बह रही थी। परसोहन घाट पर उसका जलस्तर 95.700 मी. था। जबकि यहां खतरा बिंदु का स्तर 95.550 मी. है। इसके बरअक्स ककरही घाट पर बूढ़ी राप्ती नदी खतरा बिंदु 85.650 मी को पार कर 6.64 पर पहुच गई है। यानी वह खतराबिंदू लगभग 90 सेमी ऊपर बह रही है। इसी प्रकार कूड़ा नदी उसका पुल गेज के अनुसार 83.520 के सापेक्ष 82.74 पर बह रही है। हालांकि इसने खतरा बिंदु को पर नहीं किया है मगर सिंचाई विभाग द्वारा निर्धारित चेतावनी बिंदु 82.520 को पार कर 82.74 पर बह रही है। जलस्तर वृद्धि को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह रात में किसी भी समय लाल निशान को पार कर जायेगी।
तीन नदियों के जलस्तर को पार करते ही जिले के नीचे की सतह में बसे नदियों के करीब के तकरीबन एक दर्जन गांव संकट में फंस गये हैं। इसमें कूड़ा और बूढ़ी राप्ती के संगम बिंदु के तटीय गांव है। बताते हैं कि ताल नटवा, ताल बगहियां, ताल भिरौना, मारूखर, आदि एक दर्जन गांव पानी से घिर गये हैं जबकि मछिया, बीरपुर, बगहवा, भुतहिया, भुतहवा आदि गांवों पर संकट मंडराता जा रहा है। जानकार बताते हैं कि यदि नदियों का जलस्तर थोड़ा और बढ़ा तो ऐसे लगभग दो दर्जन गांवों पर संकट और बढ़ सकता है। फिलहाल प्रशासन नदियों कि स्थति पर गहरी नजर रखे हुए है। जिलाधिकारी डा. राजा गणपति आर ने जिले के सभी उपजिलाधिकारियों को बाढ़ आने पर पीड़ितों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उनके लिए हर जरूरत मुहैया कराने का निर्देंश दिया है।
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