मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मंत्री नारायणसिंह कुशवाह एवं उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीरसिंह से भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व बुरहानपुर विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने मुलाकात कर जल्द से जल्द प्रदेश में उद्यानिकी फसलों एवं केला फसल का मौसम आधारित फसल बीमा योजनांतर्गत बुरहानपुर सहित प्रदेश के कृषकों को लाभ प्रदान करने की मांग रखी। साथ ही श्रीमती चिटनिस ने संबंधित उच्चाधिकारियों से मुलाकात कर मौसम आधारित फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को मिलना अत्यंत आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महत्वाकांक्षी योजना का क्रियान्वयन ना हो पाना चिंता का विषय है। मंत्री नारायणसिंह कुशवाह ने श्रीमती चिटनिस के द्वारा रखी गई मांगों पर तत्काल किसान हित में निर्णय लेने हेतु आश्वासन दिया।श्रीमती चिटनिस ने कहा कि वर्ष 2019-20 से आज दिनांक तक उद्यानिकी फसलों को फसल बीमा योजनांतर्गत सम्मिलित नहीं किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश में केला फसल के अंतर्गत लगभग 50 हजार हेक्टेयर रकबा है। विगत वर्षों में केला फसल का बीमा न होने के कारण तथा मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण केला फसल की उत्पादकता में कमी प्रतिलक्षित हुई है तथा फसल उपज कम होने के कारण कृषकों को आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है, जबकि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में केला फसल में मौसम आधारित फसल बीमा लागू है। जिसका महाराष्ट्र के कृषकों द्वारा लाभ लिया जा रहा है। जो कि मध्यप्रदेश के कृषकों के लिए बड़ी विसंगति है।
श्रीमती चिटनिस ने मंत्री श्री कुशवाह से सभी तथ्यों के आधार पर अनुरोध किया कि मौसम आधारित फसल बीमा के अंतर्गत केला फसल को कवर किया जाए, जिससे मध्यप्रदेश के केला उत्पादक कृषकों को मौसम आधार फसल का लाभ मिल सके।
विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि 25 एवं 26 मई 2024 को अंघड़, आंधी-तूफान ने जिला बुरहानपुर के किसानों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। किसानों की हितेषी भाजपा सरकार द्वारा 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर 2 लाख रूपए प्रति हेक्टेयर मुआवजे का प्रावधान किया गया है। आंधी से बनी परिस्थिति से बुरहानपुर के किसानों के हालात चिंताजनक है। जिला प्रशासन को सर्वे के लिए निर्देशित भी किया जा चुका है। अब तक आंधी-तूफान अथवा ओलावृष्टि से 3-4 या 7-8 गांव का आधा-अधूरा रकबा प्रभावित होता देखा गया था। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि मेरी स्मृति में ऐसा पहली बार देख रही हूॅ कि 10 हजार हेक्टेयर की केले की फसल का रकबा प्रभावित हुआ है। प्रति हेक्टेयर 4375 पौधों के मान से औसतन मूल्य 150 रूपए पौधे के मान से आंकलन करें तो 15 हजार करोड़ रूपए की जिले में हानि हुई है।
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