अली अब्बास, ब्यूरो चीफ, मथुरा (यूपी), NIT:
राष्ट्रीय बहुजन समाज पार्टी से मथुरा से पुनः लोकसभा प्रत्याशी घोषित किए गए छावनी परिषद के पूर्व वाइस चेयरमैन डॉ.कमल कांत उपमन्यु एडवोकेट ने टिकट कटने के बाद कहा कि उनके साथ गलत हुआ एक तरह से धोखा हुआ है और कुछ लोगों ने साजिश रची जो मथुरा में अमन नहीं चाहते और ना किसी ब्राह्मण प्रतिनिधि को लोकसभा में देखना चाहते हैं।
श्री उपमन्यु ने अनौपचारिक पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि बसपा के जिले के सारे पदाधिकारी 2 महीने से मेरे पीछे पड़े थे और 15 तारीख के आसपास सारे लोग मेरे पास आए और उन्होंने कहा कि आपसे राष्ट्रीय महामंत्री कोऑर्डिनेटर सभी लोग यही आ रहे हैं आपसे मुलाकात करना चाहते हैं। गोकुल में एक स्थानीय रेस्टोरेंट में मुलाकात हुई वहां पर तय हुआ कि कोई भी बसपा से प्रत्याशी अभी तय नहीं हुआ है। पार्टी से प्रत्याशी के तौर पर आपको चुनाव लड़ना है आप पहले भी 1999 में पार्टी से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हो। आपका प्रदर्शन उस समय भी अच्छा रहा था। आपको बहन जी ने याद किया है और आप कल बहन जी के पास चलिए हमारे साथ।
मैंने सारे जिले के पदाधिकारी और सभी कोऑर्डिनेटरों के साथ बहन जी से लखनऊ में उनके निवास पर मुलाकात की और बहन जी ने मुझ से काफी देर वार्ता के बाद उन्होंने मुझे प्रत्याशी बनाया और यहां आकर के बहन जी के इस निर्णय की जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व राज्यसभा सांसद मुनकाद अली एवं सभी कोऑर्डिनेटरों में जिला कार्यकर्ता सम्मेलन बुला करके सभी कार्यकर्ताओं को दी और मुझे पत्रकारों के समक्ष पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया। तभी से मैं पूरे जिले में पार्टी प्रत्याशी बनकर के लोगों से संपर्क में लगा हुआ था। पार्टी के प्रत्येक विधानसभा में गाड़ियां भी पार्टी पदाधिकारी को दे दी गई थी।
पार्टी पदाधिकारी भी पूरी निष्ठा से संपर्क में लगे हुए थे किंतु यकायक कुछ लोगों ने जो कभी यहां सामान्य एवम् ब्राह्मण परिवार के किसी प्रतिनिधि को संसद में नहीं देखना चाहते उन सभी ने मिलकर साजिश रची और मोटी धनराशि देकर के और बहनजी को गुमराह करके टिकट बदलवाने में लग गए। मुझे निष्क्रिय कहा गया और कहा कि वह ना तो गाड़ी चलवा रहे थे ना बहन जी की सभा का इंतजाम कर रहे थे, जबकि कोऑर्डिनेटर यहां बहन जी की सभा और राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर आकाश जी की सभा के लिए आए तो मैंने उनसे यह कहा कि आपने जो आकाश जी की सभा 11 अप्रैल को रखी है उस दिन ईद है हम लोग यहां पर एक दूसरे को उनके पर्व पर बधाई देते हैं।
अगर मैं ईद पर उनको बधाई देने उनके बीच नहीं जाऊंगा तो गलत संदेश जाएगा और 11 को जब आकाश जी यहां आएंगे तो सभा होगी तो उसमें अल्पसंख्यक वर्ग के लोग इसलिए नहीं आएंगे कि उनके यहां ईद का त्यौहार है। उनके घर पर लोग बधाई देने जाते हैं तो समाज में एक गलत संदेश जाएगा कि बसपा प्रत्याशी के साथ अल्पसंख्यक वर्ग जुड़ा नहीं है।
उन्होंने कहा कि नहीं 11 को ही आएंगे फिर भी मैंने जहां मुख्यमंत्री की सभा हुई थी मंगलम रिसोर्ट में उसको को बुक किया। 11 को उसी दौरान बहन जी के बारे में बताया कि बहन जी दो जिलों में एक जगह सभा करेंगी आपका जिला अलीगढ़ के साथ जोड़ा है आधा-आधा पैसा देना है प्रत्याशियों को तब मैंने कहा सभा कहां होगी तो उन्होंने बताया संभवत अलीगढ़ के बॉर्डर पर मैंने उनसे कहा कि इससे हमें क्या फायदा होगा हमारे जिले में करो तब अच्छा संदेश जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह तो हम नहीं तय कर पाएंगे पैसा भी जा रहा था बहन जी की सभा अलीगढ़ में हो रही थी कोई फायदा नहीं था यहां के प्रत्याशी का फिर भी मैंने दोनों कार्यक्रमों में सहयोग राशि की भी कह दी थी किंतु इसी बीच कुछ लोगों ने हाईकमान को यह संदेश दे दिया की बहन जी वह आपकी सभा में सहयोग नहीं कर रहा है और ना सभा कराना चाहता है और ना हीं आकाश जी की सभा करने के लिए कह रहा है वह कह रहा है हमें क्या फायदा और अब उसने प्रचार भी बंद कर दिया है किसी पार्टी के पदाधिकारी को कोई सामग्री या वाहन उपलब्ध नहीं कर रहा है।
उन्होंने इसी बीच भाई सुरेश जी से संपर्क करके मुझसे बड़ी धनराशि पार्टी सहयोग में दिलवा दी और मुझे फिर इस धनराशि को वापस करने के लिए एक मोटी धनराशि की मांग करने लगे जो मेरे लिए संभव नहीं था। मेरे प्रत्याशी होने के दौरान मुझे सभी जाति धर्म के लोगों के अपार स्नेह और प्यार जो मिल रहा था उसको देखकर के सभी सरकारी एजेंसियां एवं समाज के लोगों को लगा कि यह भाजपा के लिए खतरा हो सकता है और कुछ लोगों को लगाकर हमारे समाज की ठेकेदारी एवं नए चेहरे के रूप में एक नया राजनेतिक परिवार खड़ा हो सकता है। उन्होंने पूरे जोर से कुछ लोगों को साजिश में शामिल कर मेरी टिकट बदलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। जिस दिन पर्चा दाखिल किया गया उस रात एवं मॉर्निंग में भी मुझसे एक मोटी धनराशि की मांग की गई जिसे मैं देने में असमर्थ था।
उस दिन भी पार्टी के कई जिम्मेदार लोगों ने मुझे फोन पर कहा कि आप बेहतर हो आपके रहते टक्कर अच्छी हो रही है आपकी तुलना में जो प्रत्याशी आया है वह कमज़ोर है आप हमारी बात मानो उनका पैसा वापस करना है इस धनराशि को दे दो और आप सीट निकाल लेंगे मैंने कहा मेरे पर पैसे नहीं है। पैसे के अभाव में मेरी टिकट बदल दी गई और हाई कमान को गलत तथ्य पेश किए गए। मेरा ऐसा मानना है कि रिजल्ट के बाद पार्टी समीक्षा करेगी।
इस पर विचार करेगी तो निश्चित जिन्होंने साजिश रची है उन पर कार्यवाही होगी। मैं पार्टी का जो भी फैसला है उसे शिरोधार्य करता हूं और जैसा बुजुर्गों ने कहा है भगवान जो भी करता है अच्छे के लिए करता है। पार्टी ने मेरी जगह जिनको प्रत्याशी बनाया है वह भले आदमी हैं उन्होंने मुझसे अभी तक ना संपर्क किया है ना दूरभाष पर वार्ता की है ना पार्टी के लिए या प्रत्याशी के तौर पर सहयोग की कोई बात रखी है। इसलिए वह अभी तक राजनीतिक से दूर रहकर के घर पर लोगों से मिल रहे हैं और सारे राजनीतिक घटनाक्रमों पर विचार कर रहे हैं।
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