मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ मनोज माने का मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कमलनाथ पर आरोप लगाना आसमान की ओर थूक उछालने के जैसा है। उन्हें स्मरण रखना चाहिए कि कमलनाथ के क़द का नेता न भाजपा के पास है और ना देश में है। कमलनाथ के लिए और कांग्रेस के लिए आदिवासी वर्ग हमेशा से पहली प्राथमिकताओं में शामिल रहा है। कमलनाथ की सरकार ने प्रदेश के आदिवासियों की पहचान और उनकी गरिमा, स्वाभिमान को सुरक्षित किया है। कांग्रेस पार्टी ने देश के आदिवासियों को उन ज़मीनों का मालिक बनाने का क़ानून बनाया। जहां वह बरसों से निवास कर रहे हैं और जिन पर उनका अधिकार है। मध्य प्रदेश में कमलनाथ की 15 महीना की सरकार के जनकल्याणकारी कार्यों को देखकर ही भाजपा घबरा गई थी और उसने प्रदेश को तरक्की की राह पर ले जाने वाली कांग्रेस सरकार को जोड़-तोड़ की राजनीति कर गिरा दिया। भाजपा के राज्य में आदिवासियों पर लगातार अत्याचार होते रहे हैं और उनके स्वाभिमान तक पर प्रहार किया गया है। मध्य प्रदेश भाजपा राज में आदिवासियों के उत्पीड़न में प्रदेश में पहले नंबर पर रहा है। इसका सबूत है सीधी में आदिवासी युवक के साथ किया गया घिनौना व्यवहार। एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी ने आदिवासियों को वन अधिकार अधिनियम बनाकर दिया। वहीं भाजपा के शासनकाल में आदिवासियों को जंगलों से बेदखल किया गया है। बुरहानपुर जिले में सबसे ज़्यादा आदिवासियों के खिलाफ भाजपा के शासनकाल में कार्रवाई हुई है और उन्हें उनकी ज़मीनों से वंचित कर अतिक्रमण के नाम पर जेल भेजा गया है। कांग्रेस प्रवक्ता शेख रुस्तम ने कहा भारतीय जनता पार्टी चुनाव के दौरान किए गए अपने वादों को याद करें, कि उसने 450 रुपए में गैस सिलेंडर, गेहूं का समर्थन मूल्य ₹ 2700 और धान का समर्थन मूल्य ₹ 3100 तय करने और महिलाओं को प्रतिमाह ₹ 3000 का वादा किया था, लेकिन सत्ता हासिल करने के बाद एक बार फिर भाजपा ने जनता के साथ वादा खिलाफी की है और अब एक बार फिर लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा झूठी गारंटियां बांट रही है लेकिन आवाम भाजपा की गारंटी की हकीक़त जान चुकी है।
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