जमशेद आलम, ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:
लोकसभा निर्वाचन-2024 के दौरान अख़बार और टीवी चैनलों में विज्ञापनों और पेड न्यूज़ की मॉनिटरिंग करने के साथ ही भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार सोशल मीडिया पर भी पूरी नज़र रखी जायेगी। प्रिंट, इलेक्ट्रानिक एवं सोशल मीडिया पर प्रचार का खर्च भी अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाएगा।
अभी तक चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों के द्वारा अख़बार में प्रकाशित कराए जाने वाले समाचार, विज्ञापन और अलग-अलग चैनल पर दिखाए जाने वाले विजुअल पर ही नज़र रखी जाती थी। बदलते समय के साथ अब इस बार के लोकसभा निर्वाचन में सोशल मीडिया की पोस्ट को भी प्रचार का हिस्सा माना जाएगा। चुनाव के खर्चे में सोशल मीडिया का खर्च भी जोड़ा जाएगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस बार के निर्वाचन में चुनाव खर्च की प्रक्रिया में सोशल मीडिया को भी शामिल कर दिया गया है। इसी तरह भ्रामक और गलत सूचनाएं और फेक न्यूज़ फैलाने वालों पर भी पूरी नज़र रखी जायेगी और उन पर कार्यवाही भी की जायेगी। ऐसा कार्य करने वाले व्यक्ति का पता लगाकर कानूनी धाराओं के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जायेगी।
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