अली अब्बास, ब्यूरो चीफ, मथुरा (यूपी), NIT:
उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ-अनुसंधान संस्थान का 13वां दीक्षांत समारोह महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। महामहिम राज्यपाल ने कार्यकम का शुभारम्भ जलभरो अनुष्ठान के साथ प्रारम्भ किया। कार्यक्रम में महामहिम राज्यपाल ने Bovine Myology: A colour atlas तथा Veterinary Andrology and Artificial Insemination: Concepts and Application शीर्षक नामक पुस्तकों का विमोचन किया। उन्होंने पशुपालकों के उपयोग हेतु पशुओं को होने वाली सामान्य व्याधियों के पारम्परिक व घरेलु नुस्खों से उपचार के सात वैज्ञानिक लघु प्रकाशनों का विमोचन किया। छात्र दिग्दर्शिका के दूसरे संस्करण का विमोचन किया। पशुओं की बातें प्रसारण का शुभारम्भ, विश्वविद्यालय संवादपत्र खण्ड 19 सं 02 तथा विश्वविद्यालय पशुधन पत्रिका खण्ड 17 का विमोचन किया।
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय के पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित किया गया। दीक्षांत समारोह में 79 पशु चिकित्सा विज्ञान स्नातक, 27 जैव प्रौद्योगिकी स्नातक, 32 परास्नातक तथा चार पीएचडी सहित कुल 142 उपाधियां दी गई। दीक्षांत समारोह में मेधावियों को सम्मानित करने के लिए कुल 14 स्वर्ण पदक, 04 रजत पदक तथा 02 कांस्य पदक कुलाधिपति महोदया द्वारा वितरित किए गये। कुल 14 स्वर्ण पदक विजेताओं में नौ छात्राएं तथा पांच छात्र सम्मिलित हैं। स्वर्ण पदक का 64 प्रतिशत प्राप्त करते हुए छात्राओं ने महिला सशक्तिकरण की मिशाल पेश की है। समारोह के दौरान विश्वविद्यालय का सर्वश्रेष्ठ विभाग, सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार तथा दो परास्नातक एवं दो पीएचडी सर्वश्रेष्ठ थीसिस सम्मान भी प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में महामहिम राज्यपाल महोदया ने 25 प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को कहानी की किताबें, ड्राइंग बुक, पेंसिल, रबर तथा शार्पनर के साथ पेंसिल बॉक्स, क्रेयॉन कलर का पैकेट, सेब, नारंगी, छाछ, बिस्कुट, चॉकलेट, केक आदि का वितरण किया। कार्यक्रम में 10 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को आंगनबाडी संसाधन किट वितरित की गई, जिसमें ट्राई साइकिल, अंक, अल्फाबेट, फल, पशु, ब्लॉक, गेंद, क्ले, रिंग्स, पंचतंत्र की कहानियों की किताबें, शैक्षणिक मानचित्र, माकर और डस्टर के साथ सफेद बोर्ड, किडनी शेपेड मेज, कुर्सियां आदि हैं। समारोह के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव द्वारा विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या महामहिम राज्यपाल एवं माननीय कुलाधिपति महोदया के समक्ष प्रस्तुत समारोह के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव द्वारा विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या महामहिम राज्यपाल एवं माननीय कुलाधिपति महोदया के समक्ष प्रस्तुत की गई।
महामहिम राज्यपाल ने कार्यकम में उपस्थित छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की पावन जन्मभूमि मथुरा में स्थापित पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान संस्थान के 13वें दीक्षान्त समारोह में आप सभी को उपाधि एवं पदक प्रदान करते हुए मुझे अपार प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। सबसे पहले मैं भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा को प्रणाम करती हूँ, जहां सूरदास, स्वामी हरिदास तथा रसखान जैसे महान कवियों का जन्म हुआा। आपके इस संस्थान को एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के नाम से जाना जाता है। उनके दृढ़ संकल्प, संयम एवं निरन्तर प्रयास और एकात्म मानववाद के पथ पर चलकर हर असम्भव कार्य को सम्भव बनाया जा सकता है। मैं आज उन्हें और उनके विचारों को आदरपूर्वक नमन करती हूँ। पंडित उपाध्याय जी ऐसे महान चिन्तक एवं समाजसेवी थे, जिन्होंने देश और समाज की सेवा करते हुए अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र के चरणों में अर्पित कर दिया था।
आज के अवसर पर मैं न केवल उपाधि व पदक प्राप्त करने वाले, बल्कि आपने अखिल भारतीय स्तर पर जो शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं खेलकूद, युवा उत्सवों व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेकर देश का गौरव बढ़ाया है, इसके लिये आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देती हूँ। इसके साथ ही में आपके माता-पिता, अभिभावकों तथा गुरूजनों का भी अभिनन्दन करती हूँ, जिन्होंने इस सुखद सोपान पर लाने के लिये आपका मार्गदर्शन किया है। आज के दीक्षान्त में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित बिहार पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, बिहार के कुलपति प्रोफेसर रामेश्वर सिंह जी का मैं स्वागत व अभिनन्दन करती हूँ।
हरियाणा के रोहतक जनपद में जन्में डॉ० रामेश्वर सिंह ने शिक्षा ग्रहण करने के उपरान्त सन् 1978 में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली में एक वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुए। इसके बाद राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल और नेशनल कलेक्शन ऑफ डेयरी कल्चर में कार्यभार भी संभाला। आपने इन संस्थाओं के सुदृढीकरण और आधुनिकीकरण में प्रमुख भूमिका निभाई। आपने सूक्ष्मजीव, डेयरी उद्योग के साथ सहयोगी परियोजनाओं पर बहुत काम किया है। मुझे विश्वास है कि आज आप द्वारा यहां दिया गया दीक्षांत उद्बोधन हमारे विद्यार्थियों के भावी जीवन के लिये प्रेरक सिद्ध होगा। दीक्षान्त समारोह का दिन हर विद्यार्थी के जीवन का एक यादगार दिन होता है। इस दिन की मधुर यादें सदा आपके साथ रहेंगी। आज के दिन आपकी मेहनत सफल हुई है और आप भविष्य की सीढ़ियाँ चढ़ने जा रहे हैं। आज आप अनंत अवसरों का उपयोग करने के लिए तैयार होकर इस संस्थान से जा रहे हैं। आज आपने जो डिग्रियां और पदक अर्जित किए हैं, वे आपको रोजगार हासिल करने या व्यवसाय शुरू करने में मदद करेंगे। लेकिन एक गुण जो आपको बहुत आगे ले जा सकता है, वह है जीवन में कभी हार न मानने का हौसला। परिस्थितियां चाहे कैसी भी हों, व्यक्ति को कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।
कार्यक्रम में कुलपति प्रो० (डा) अनिल कुमार श्रीवास्तव, विधायक मांट राजेश चौधरी, विधायक बल्देव पूरन प्रकाश, जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय, मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना, मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एस.बी. सिंह आदि मौजूद रहे।
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