फैज़ान खान, नई दिल्ली, NIT:

आज बुधवार को घने कोहरे के बीच दिल्ली के जंतर-मंतर पर अचानक उमड़े जन सैलाब से संसद के आसपास सियासी गलियारों में गर्मी बढ़ गई। आज ईवीएम के विरोध में बामसेफ और भीम सेना के संयुक्त तत्वाधान में धरने का आयोजन किया गया था। भीमसेना के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर के आह्वान पर बामसेफ और भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम के नेतृत्व में लाखों के संख्या में उमड़े इस जन सैलाब ने ईवीएम के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई को खड़ा कर दिया है। कड़ाके की सर्दी में देश के कोने-कोने से दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचे बहुजन समाज के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बड़ी मोर्चाबंदी कर दी है।

भीमसेना प्रमुख नवाब सतपाल तंवर ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सीधे निशाना साधते हुए कहा कि दलितों के एक हुंकार से नरेंद्र मोदी बहरे हो जाएंगे। सतपाल तंवर बोले हम 85 प्रतिशत लोग कुर्सी पर बैठाना जानते हैं तो कुर्सी से गिराना भी जानते हैं। भीमसेना चीफ सतपाल तंवर ने विदेशी यूरेशियाई लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि हम देश के किसी भी कोने से आवाज लगा दें तो डर के मारे ये विदेशी यूरेशियाई लोग अफगानिस्तान होते हुए यूरेशिया भाग जाएंगे। उन्होंने ने साफ कर दिया है कि ईवीएम एक धोखा है और ईवीएम के खिलाफ मात्र कुछ घंटे या एक दिन का धरना देने से समस्या का समाधान नहीं होगा। सतपाल तंवर ने कहा कि ईवीएम के खिलाफ दिल्ली में लंबे और बड़े आंदोलन की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने 3 फरवरी को सभी सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों, बुद्धिजीवियों, वकीलों, प्रोफेसरों, समाजसेवियों, नेताओं और आम जनता से आह्वान किया है कि 3 फरवरी को सुबह 11 बजे रानी झांसी रोड़, झंडेवालान करोल बाग दिल्ली स्थित अम्बेडकर भवन पहुंचकर ईवीएम के खिलाफ आंदोलन की एक रणनीति तैयार करें। भीम सेना चीफ ने ईवीएम के खिलाफ यह आपात बैठक बुलाई है और इस बैठक में उन सभी का आह्वान किया गया है जो किसी ना किसी रूप में ईवीएम के खिलाफ आंदोलन से जुड़े हुए हैं।
