अब्दुल वाहिद काकर, ब्यूरो चीफ, धुले (महाराष्ट्र), NIT:

पुलिस अधीक्षक श्रीकांत धीवरे ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले ही ज़िले में शातिर अपराधियों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। शिरपुर तहसील के चार बदमाशों के गिरोह को दो सालों के लिए धुलिया नंदुरबार ज़िले से तड़ीपार करने के आदेश जारी किए हैं।
गुरुवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एसपी धीवरे ने कहा कि शिरपुर तहसील के थालनेर तथा अन्य क्षेत्रों में गिरोह का सरगना आकाश ऊर्फ सन्नाटा राजु थोरात बौध्दवाडा सदस्य (2) रोशन दत्तु थोरात,23 (3) विशाल ऊर्फ भैय्या अरुण थोरात 25 खालचे गाव (4) राकेश रमेश थोरात सार्वजनिक शांती को भंग कर रहे थे। दंगा कर चोट नागरिकों को पहुंचाना, सरकारी कर्मचारी पर हमला करना, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, हत्या का प्रयास करना, अतिक्रमण करना, छेड़छाड़ करना, पत्थर फेंकना, गणमान्य व्यक्तियों को गालीगलौज करना, जिला मजिस्ट्रेट के आदेश की अवहेलना करना, जान से मारने की धमकी देना तथा लोगों में आतंक पैदा कर जान से मारने का प्रयास करना आदि अपराधियों को अंजाम दे रहे थे।
गिरोह ने सभी आम नागरिकों के जीवन और संपत्ति के लिए भय और खतरा पैदा कर दिया था। चूंकि वे क्षेत्र में व्यवस्था को बाधित कर रहे थे, उन्हें रोकने और गिरोह को तितर-बितर करना और गिरोह को धुलिया नंदुरबार ज़िले की सीमा से बाहर निकालना आवश्यक था। जिसके चलते गिरोह के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम, 1951 की धारा 55 के प्रावधानों के अनुसार चारों अपराधियों के गिरोह को दो साल के लिए नंदुरबार धुलिया ज़िला बदर कर किया है। पुलिस की अनुमति की बिना गिरोह धुलिया नंदुरबार जिले में आ नहीं सकता है। अगर दिखाई दिया तो मुंबई कानून की धारा 149 के तहत 2 वर्षों की शिक्षा अथवा जुर्माना लगाया जाएगा इस तरह के चेतावनी पुलिस अधीक्षक ने दी है।
जिला बदर करने के कार्रवाई को अपर पुलिस अधीक्षक किशोर काले के निर्देशन में शिरपुर पुलिस उप अधीक्षक सचिन हीरे के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर दत्तात्रेय शिंदे, इंस्पेक्टर आगरकर, सब इंस्पेक्टर संदीप मरकुटे, संतोष हीरे हषर्ल चौधरी जब्बार शेख आदि ने कागज़ी पूर्तिकर करा है।
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