रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, इंदौर (मप्र), NIT:
बड़वानी जिले में नर्मदा पट्टी के कई ऐसे गांव हैं जो बड़वानी जिले के पास हैं लेकिन उनका ज़िला मुख्यालय धार है। इसके कारण यहां के लोगों को 100 से 110 किमी से अधिक का सफर कर काम कराने जाना पड़ता है। जबकि खरीदी व व्यापार व्यवसाय के लिए सभी लोग बड़वानी जाते हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खरगोन में इंदौर संभाग की समीक्षा बैठक ली थी। इसमें जिलों के पुनर्निर्धारण के लिए जल्द कमेटी बनाने के लिए कहा था। अगर नर्मदा पट्टी से लगे गांवों को बड़वानी जिले में जोड़ दिया जाए तो लोगों को सुविधा होगी साथ ही ज़िले के राजस्व में बढ़ोतरी के साथ साथ व्यापार व्यवसाय भी बढ़ जाएगा।
बड़वानी से मात्र 40 व धार से 110 किमी है कुक्षी
बड़वानी जिले से कुक्षी मात्र 40 किमी है जबकि उसका जिला मुख्यालय धार 110 किमी दूर है। एसे में इस तहसील के लोगों को प्रशासनिक काम के लिए 110 किमी का सफर करना पड़ता है। इससे लोगों को समय के साथ अधिक राशि भी खर्च करना पड़ती है। इसके अलावा बड़वानी जिले से 50 किमी के क्षेत्र में मनावर, डही, गंधवानी, निसरपुर, कड़माल सहित अन्य गांव भी आते हैं।
इनके रहवासियों को लाभ मिलेगा
ज्ञात रहे धार जिले में ऐसे कई स्थान है जो बड़वानी से पास में है लेकिन गलत सीमांकन के कारण वह दूसरे जिले में चले गए हैं। अगर इन गांवों को बड़वानी जिले से जोड़ दिया जाए तो लोगों को सुविधा होगी साथ ही आवागमन सुगम हो जाएगा।
मनावर से जुड़ने के लिए नर्मदा पर पुल की दरकार
वर्तमान में बड़वानी से मनावर जाने के लिए लोगों को करीब 50 किमी का सफर तय करना पड़ता है। जबकि छोटा बड़दा गांव में लोग नाव से नर्मदा पार कर सीधे मनावर पहुंच जाते हैं। इसके लिए मात्र 10 मिनट का समय लगता है। अगर छोटा बड़दा गांव में नर्मदा पर पुल का निर्माण कर दिया जाए तो आसपास के कई गांव सीधे बड़वानी जिले से जुड़ जाएंगे। लोगों को आवागमन में सुविधा होगी। वर्तमान में लोग नाव से जोखिम उठाकर खतरों का सफर करने के लिए मजबूर हैं। नाव में बाइक व अन्य सामग्री ले जाते हैं।
राजघाट पर नया पुल बनने से कुक्षी की दूरी 15 किमी कम हो जाएगी
नर्मदा के बैंक वाटर के कारण राजघाट स्थित पुराना पुल साल में करीब छह माह डूबा हुआ रहता है। इससे धार जिले में जाने के लिए लोगों को बड़वानी बायपास से होकर कसरावद पुल होकर जाना पड़ता है। जिससे कई गांवों की दूरी बढ़ जाती है। राजघाट पर पुल का निर्माण कर दिया जाए तो यहां से कुक्षी की दूरी 15 किमी कम हो जाएगी।
साथ ही निसरपुर व कड़माल गांव भी सीधे बड़वानी से जुड़ जाएंगे। धार जिले के ग्रामीणों ने बताया निसरपुर व कड़माल धार जिले में आता है। जबकि राजघाट का पुल पार करने पर मात्र पांच से 10 किमी का सफर तय कर बड़वानी पहुंच जाते थे। अब पुराना पुल डूबने से लोगों को परेशानी आ रही है। साथ ही व्यापार व्यवसाय के लिए 40 किमी दूर जाना पड़ रहा है। राजघाट पर नया पुल निर्माण से लोगों को सुविधा होगी।
सीएम के निर्देशों के पालन में जिले के थानों की सीमाओं का पुनर्निर्धारण के लिए मांगे सुझाव
जिले की सीमाओं का पुनर्निर्धारण के साथ ही थानों के गांवों का पुनर्निर्धारण भी होना है। इसके लिए पुलिस विभाग ने लोगों से सुझाव मांगने की प्रक्रिया शुरू की है।
एसपी पुनीत गेहलोद ने बताया सीएम के निर्देशों के पालन में जिले के थानों की सीमाओं का पुनर्निर्धारण किया जाना है। इसके लिए बड़वानी पुलिस ने जिले के सभी थानों के अंतर्गत आने वाले लोगों से अपील की है कि वर्तमान में जुड़े ऐसे गांव जिनकी गांव व थाने के बीच की दूरी वर्तमान थाने से बहुत अधिक है। जबकि अन्य थाने की दूरी पास है वहां के लोग व जनप्रतिनिधि ऐसे गांवों को चिह्नित कर सुझाव संबंधित थाने व अनुविभागीय अधिकारी पुलिस के माध्यम से दे सकते हैं। पुनर्निर्धारण में जिन गांवों की दूरी वर्तमान में जुड़े थाने से अधिक है, उन ग्रामों को अन्य थाने जिसकी दूरी नजदीक है, उनसे जोड़े जानें की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए लोग 10 जनवरी तक इसकी जानकारी कार्यालय में दे सकते हैं।
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