शासन द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मा0 राज्यपाल/मा0 कुलाधिपति/महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन पटेल जी का आगमन | New India Times

अबरार अली, ब्यूरो चीफ, सिद्धार्थ नगर (यूपी), NIT:

01 दिसम्बर 2023/ सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर में विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किये गये सप्तम दीक्षान्त समारोह में उपस्थित होकर विश्वविद्यालय की गरिमा को बढ़ाकर गौरवान्वित किया गया। कुलाधिपति/महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन पटेल मुख्य अतिथि कुलपति गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय प्रो0 रमाशंकर दूबे, कुलपति प्रो0 हरिबहादुर श्रीवास्तव तथा द्वारा मां शारदा के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित किया गया तथा जल संचयन के संबध में गमले में जल डालकर किया गया तथा सप्तम दीक्षान्त समारोह का औपचारिक शुभारम्भ किया गया। कुलपति सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु प्रो0 हरिबहादुर श्रीवास्तव द्वारा मा0 राज्यपाल/मा0 कुलाधिपति श्रीमती आनन्दी बेन पटेल जी तथा मुख्य अतिथि कुलपति गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय प्रो0 रमाशंकर दूबे को पुष्प देकर स्वागत किया गया। सप्तम दीक्षान्त समारोह के अवसर पर प्रकाशित उत्कर्ष स्मारिका का मा0 राज्यपाल/मा0 कुलाधिपति श्रीमती आनन्दी बेन पटेल जी तथा मुख्य अतिथि कुलपति गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय प्रो0 रमाशंकर दूबे, कुलपति प्रो0 हरिबहादुर श्रीवास्तव द्वारा विमोचन किया गया। इसके पश्चात छात्र/छात्राओं द्वारा बन्दे मात्रम गीत तथा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय गीत की प्रस्तुति की गयी।

मा0 राज्यपाल/कुलाधिपति श्रीमती आनन्दी बेन पटेल द्वारा सप्तम दीक्षान्त समारोह के अवसर पर कहा कि मुझे गर्व की अनुभूति हो रही है। यह बुद्ध की पावन धरती है। मैं इस धरती को प्रणाम करती हूॅ। यहां पर गौतम बुद्ध ने विश्व को शान्ति का सन्देश दिया। यह भूमि देश-विदेश केे लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है। आज सप्तम दीक्षान्त समारोह के अवसर पर स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र/छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप लोग शिक्षा प्राप्त कर अपने विद्यालय का नाम रोशन करें। आप लोग शिक्षा प्राप्त कर समाज में परिवर्तन ला सकते हैं। आप लोग अपने माता पिता से प्रेरणा लेकर आप लोग समाज को आगे बढ़ाने में काम करें। माता पिता की सेवा करनी चाहिए। रात दिन मेहनत करके माता-पिता हमें शिक्षा दिलाते हैं। हमारा दायित्व है कि हम अनन्तकाल तक उनकी सेवा करें। आज दहेज प्रथा हमारे समाज में एक अभिशाप है। दहेज के लिए बहुओं के साथ मारपीट करते हैं। हमें दहेज नहीं लेना चाहिए। अपनी बहुओं का सम्मान करना चाहिए। नई शिक्षा नीति 2022 लागू होने के बाद से पहली बार है कि डिग्री आनलाइन की गयी है। शिक्षा को आधुनिक बनाया जा रहा है। विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बनाये रखना चाहिए।

वर्ष 2022 में शिक्षा प्राप्त कर चुके छात्र/छात्राओ जिनको नौकरी प्राप्त हुई है उनको बधाई दी। मा0 राज्यपाल/कुलाधिपति श्रीमती आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि आज हमारे देश में नये आईआईटी, आईआईएम का निर्माण हो रहा है। सरकार द्वारा अभूतपूर्व कार्य कर विगत 10 वर्षों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाया गया है। आज नये भारत का निर्माण हो रहा है। आज का युवा देश का भविष्य है। हमारे देश में युवाओं की कमी नहीं है। आज युवा शक्ति पर भरोसा है। आप लोग देश को आगे बढ़ाने में सहयोग करें और भारत को वर्ष 2047 तक विकसित देश बनाना है। मा0 राज्यपाल/कुलाधिपति श्रीमती आनन्दी बेन पटेल ने पुनः सप्तम दीक्षान्त समारोह के सफल आयोजन हेतु बधाई दी।

मुख्य अतिथि कुलपति गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय प्रो0 रमाशंकर दूबे ने सप्तम दीक्षान्त समारोह के अवसर पर उपस्थित शिक्षा जगत के आचार्य, प्राचार्य, छात्र एवं छात्राओ को सम्बोधित करते हुए कहा कि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर के सातवें दीक्षान्त समारोह की अध्यक्षता कर रहीं माननीय कुलाधिपति एवं श्रीराज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव जी कार्य परिषद एवं विद्या परिषद के सम्माननीय सदस्यगण, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण विश्वविद्यालय के प्राध्यापक अधिकारी तथा कर्मचारीगण, माननीय जन प्रतिनिधि प्रशासनिक अधिकारीगण उपाधि ग्रहण करने वाले सभी शिक्षार्थीगण, इस भव्य समारोह में उपस्थित सभी सम्माननीय अतिथिगण का स्वागत करते हुए कहा कि अतीत काल से ही प्रकृति के सुरम्य आँचल में, पर्वत राज हिमालय की तलहटी में घने जंगलों से आच्छादित, शाक्यगण की राजधानी बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध के बाल्यकाल और यौवन को समेटे हुए इस सिद्धार्थ नगर की पवित्र भूमि को मैं नमन करता हूँ।

सत्य, अहिंसा प्रेम और आध्यात्मिक ज्ञान से विश्व को आलोकित करने वाले भगवान बुद्ध के दर्शन और उपदेश की परम्परा और विरासत को सजोये हुए यह विश्वविद्यालय विगत 08 वर्षों से इस क्षेत्र के युवाओं को ज्ञान विज्ञान की विविध विधाओं में प्रशिक्षित करते हुए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों के साथ राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय शैक्षिक क्षितिज पर अपनी अलग पहचान बनाये हुए है। इस पावन भूमि पर आप सबने मुझे इस पुनीत अवसर पर इस शैक्षिक महोत्सव में आमन्त्रित किया. इसके लिए में विश्वविद्यालय प्रशासन और मुख्य रूप से माननीया कुलाधिपति एवं कुलपति जी के प्रति बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हूँ। दीक्षान्त समारोह एक पावन समारोह होता है जिसकी प्रतीक्षा विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले प्रत्येक छात्र-छात्रा को रहती है। आज का दिन आप सभी विद्यार्थियों के जीवन का एक ऐतिहासिक दिन है जब आप अपने अथक परिश्रम से उपाधियों प्राप्त करके व्यावहारिक जीवन में प्रवेश करने जा रहे हैं। इस समारोह में उपाधि तथा पदक प्राप्त करने वाले सभी शिक्षार्थियों को में हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ।

मैं सभी उपाधिधारको का आहवान करता हूं कि आप अपने जीवन में सदैव स्मरण रखें कि आपने ऐसे विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की है जिसकी स्थापना त्याग-तपस्या, हिंसा, करुणा और शांति के महान उपदेशक स्वयं भगवान बुद्ध के नाम पर हुई है। प्रिय छात्र-छात्राओं आप याद रखें कि राजकुमार सिद्धार्थ गौतम ने भगवान बुद्ध बनकर अपने तपोनिष्ट जीवन के अनुभवों के आधार पर जिन आदर्शों को जीवत रखा और मानव कल्याण हेतु शिक्षा का सन्देश दिया आप भी उन आदर्शा को अपने जीवन में आत्मसात करेंगे। मुझे अतिशय प्रसन्नता है कि मा0 कुलाधिपति महोदया के अत्यंत सक्रिय निगरानी और सतत मार्गदर्शन से इस विश्वविद्यालय समेत उत्तर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों ने विगत चार वर्षेा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में नया कीर्तिमान स्थापित किया है जो अपने आप में औरों के लिए अद्भुत उदाहरण है। आपके गरिमापूर्ण मार्गदर्शन में आज उत्तर प्रदेश के लखनऊ गोरखपुर मेरठ बरेली विश्वविद्यालय राष्ट्रीय मूल्यॉकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा ए$$ एंडिंग प्राप्त कर शिक्षा जगत में सर्वाधिक ऊंचाइयों को प्राप्त किए हैं जिससे हम सभी गौरवान्वित है।

शिक्षण संस्थानो की पहचान गुणवत्तायुक्त और नवाचार युक्त शोध का बहुत महत्व है। आज के दीक्षा समारोह में सभी उपाधि प्राप्त करने वाले स्नातक, परास्नातक, शोधार्थियों को पुनः बधाई दी।
कुलपति सिद्धार्थ विश्वविद्यालय प्रो0 हरिबहादुर श्रीवास्तव ने बताया कि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह की अध्यक्ष मा0 कुलाधिपति एवं उ०प्र० की भी मा0राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन पटेल जी मुख्य अतिथि प्रो० रमा शकर दुबे, माननीय जन प्रतिनिधिगण विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद एवं विद्यापरिषद के सम्मानित सदस्यगण सम्मानीय अतिथिगण, विश्वविद्यालय के आत्मीय शिक्षक बहनों-बन्धुओं अधिकारी तथा कर्मचारीगण मीडिया के प्रतिनिधिगण, उपाधि तथा पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं का विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह के अवसर पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करता हूँ।

आज के दीक्षान्त समारोह की अध्यक्ष माननीय कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश की मा0 राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल जी का स्वयं एवं विश्वविद्यालय परिवार की तरफ से हार्दिक स्वागत है। आप विज्ञान एवं शिक्षाशास्त्र में स्नातकोत्तर विद्यार्थी रही हैं, एम.ए. शिक्षाशास्त्र की परीक्षा में आपको स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ था। आपने बल एक कुशल शिक्षक के रूप में ही नहीं बल्कि प्राचार्य के रूप में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। आज शिक्षा के इस मंदिर में एक शिक्षक को कुलाधिपति के रूप में पाकर हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि उच्च शिक्षा की दशा एवं दिशा आपके नेतृत्व में अभ्युदय के साथ अपने लक्ष्य ज्ञान की सिद्धि में भी सहायक होगी। दीक्षान्त समारोह के अवसर पर हमारे नवस्नातकों को अपना शुभाषीश देने पधारे मुख्य अतिथि वायो केमिस्ट्री के प्रख्यात अन्तरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक प्रो० रमा शंकर दुबे जी का में एवं विश्वविद्यालय परिवार हार्दिक स्वागत करता है। प्रो० दुबे वर्तमान में केन्द्रीय विश्वविद्यालय, गुजरात के कुलपति है। इसके पहले आप तिलक माझी भागलपुर विश्वविद्यालय एवं गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके है। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु देश और प्रदेश ही नही अपितु अपने सीमावर्ती नेपाल देश की युवा पीढ़ी को एवं नवाचार की असीम सम्भावनाओं को विकसित करते हुए उन्हें अपने जीवनपथ पर सफलतापूर्वक अग्रसर कराने हेतु दृढ़ संकल्पित है।

छः जनपदों-बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, बलरामपुर एवं श्रावस्ती में व्यापक फैला है। पहली बार पीएचडी डिग्री धारको को दीक्षान्त समारोह में डिग्री प्रदान की जा रही है। हरित ऊर्जा को ध्यान में रखकर 80 किलोवाट के सोलर सिस्टम की स्थापना की गयी है। जिससे बिजली बिल में काफी कमी आयी है। बालिका हेल्थ क्लब की स्थापना की जा चुकी है।
आज हम अपने डिग्री होल्डर, गोल्ड मेडलिस्ट, एव्र स्नातक एवं परास्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थियेां को एवं पीएचडी उपाधि प्रदान कर रहे हैं। विद्या वही होती है जो हमें मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करें- सा विद्या या विमुक्तये इसीलिए हमारी यह कामना है कि यहाँ से प्राप्त विद्या आपके लिए भी बन्धन मुक्ति की राह रचे ।

हमारा ध्येय वाक्य है- अत्त दीपो भव का अर्थ भी है कि विद्या द्वारा हम स्वयं के दीपक के आलोक से जीवन जीए। आप आजीवन अपने को इस विद्या और उपाधि के योग्य प्रमाणित करते रहें तथा राष्ट्र के पुनर्निर्माण में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें। यही हमारा अभीष्ट है। दुनिया को पहली बार गणतंत्र की शिक्षा देने वाले शाक्यों की इस धरती और मनुष्यता के दुःख को हरण करने की प्रेरणा देने वाले भगवान बुद्ध की प्रज्ञा से आपूरित इस भूमि पर आप सभी अतिथि महानुभावों का मैं एक बार पुनः हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करता हूँ।
सप्तम दीक्षान्त समारोह कार्यक्रम के अवसर पर मा0 राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन पटेल जी द्वारा स्नरातक एवं स्नातकोत्तर में विश्वविद्यालय द्वारा दीक्षान्त समारोह के अवसर पर कुल 46 स्वर्ण पदक एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, जिसमें मात्र 18 छात्र तथा 28 छात्राएं है। पीएचडी उपाधि के 07 छात्र/छात्राओ को पीएचडी उपाधि दी गयी जिसमें 02 छात्राए तथा 05 छात्र थे।

उच्च पूर्व माध्यमिक विद्यालय, बर्डपुर 20 छात्र/छात्राए, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बूड़ा 20 छात्र/छात्राएं, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय 10 छात्राए कुल 50 छात्र/छात्रओ को बैग मा0 कुलाधिपति द्वारा प्रदान किया गया। 10 आंगबाड़ी कार्यकत्रियों को खिलौना दिया गया। मा0 राज्यपाल/कुलाधिपति श्रीमती आनन्दी बेन पटेल द्वारा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को 200 पुस्तक दिया गया।
इस दीक्षान्त समारोह में पूर्व कुलपति सिद्धार्थ विश्वविद्यालय डा0 रजनीकान्त पाण्डेय, मा0 सांसद डुमरियागंज श्री जगदम्बिका पाल, मा0 विधायक इटवा श्री माता प्रसाद पाण्डेय, जिलाध्यक्ष भाजपा श्री कन्हैया पासवान, पूर्व विधायक इटवा डा0 सतीश दिवेदी, जिलाधिकारी श्री पवन अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी श्री जयेन्द्र कुमार, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0)उमाशंकर, कुल सचिव डा0 अमरेन्द्र कुमार सिंह, उपजिलाधिकारी नौगढ़ ललित कुमार मिश्र, तथा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के सप्तम दीक्षान्त समारोह के आयोजन समिति के सदस्य तथा कार्य परिषद के सदस्य तथा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध समस्त महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित रहे।


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