श्री राम करण यादव ने मध्य रेल के महाप्रबंधक का पदभार संभाला | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

भारतीय रेलवे इंजीनियर सेवा (आईआरएसई) 1986 बैच के वरिष्ठ अधिकारी श्री राम करण यादव ने आज दिनांक 01/12/2023 को मध्य रेल के नए महाप्रबंधक का पदभार संभाल लिया है। मध्य रेल के महाप्रबंधक के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, वह भारतीय रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल इंजीनियरिंग (आईआरआईसीईएन), पुणे के महानिदेशक के रूप में कार्यरत थे। वह श्री नरेश लालवानी का स्थान ग्रहण करेंगे।

श्री यादव ने 1985 में आईआईटी रूड़की से ऑनर्स के साथ बीई (सिविल) किया। परिवहन इंजीनियरिंग में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर उत्तर प्रदेश पी.डब्ल्यू.डी. शताब्दी स्वर्ण पदक और विश्वविद्यालय रजत पदक प्रदान किया गया। उन्होंने 1987 में आईआईटी दिल्ली से एम.टेक (सोइल मैकेनिक और फाउंडेशन इंजीनियरिंग) किया। वह मार्च 1988 में रेलवे में शामिल हुए। उनके पास बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम करने का बहुत समृद्ध और विशाल अनुभव है। उन्होंने फील्ड के साथ-साथ मुख्यालयों, पश्चिम रेलवे, उत्तर पूर्वी रेलवे, मध्य रेल, पूर्वी रेलवे, इरिसेन पुणे, राइट्स और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। इरीसेन पुणे के महानिदेशक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान वह सिविल इंजीनियरिंग के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण के आयोजन और योजना बनाने, ग्रुप बी में पदोन्नति के लिए प्रश्न पत्र तैयार करने, सिविल इंजीनियरिंग के कोड और मैनुअल के संशोधन में शामिल थे।

पश्चिम रेलवे पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) के रूप में, एक वर्ष में पश्चिम रेलवे पर अब तक की सबसे अधिक नई लाइन, गेज परिवर्तन और दोहरीकरण का कार्य पूरा किया गया। लंबे समय से लंबित आमान परिवर्तन एवं दोहरीकरण की छह परियोजनाएं पूरी हुईं। उनके कार्यकाल के दौरान पश्चिमी रेलवे मुंबई उपनगरीय पर खार और बोरीवली के बीच छठी लाइन के काम में भी तेजी आई। उधना, साबरमती और भुज के प्रमुख स्टेशन विकास पर भी काम शुरू हुआ।

पूर्वोत्तर रेलवे में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) के रूप में उन्होंने 245 आरकेएम रेलवे विद्युतीकरण, 53 किमी विद्युतीकरण के साथ दोहरीकरण और 42 किमी गेज परिवर्तन का काम शुरू किया है। इसमें से 125 आरकेएम का विद्युतीकरण एक बार में शुरू किया गया जो भारतीय रेलवे की किसी भी निर्माण इकाई द्वारा अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है। दोहरीकरण और गेज परिवर्तन की चल रही विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा के बाद 350 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई। मध्य रेल पर मुख्य परियोजना निदेशक (स्टेशन विकास) के रूप में वह अजनी, नागपुर में इंटर मॉडल स्टेशन के विकास और योजना के अनुमोदन, घाटकोपर में मेट्रो स्टेशन के साथ स्टेशन के एकीकरण, ठाणे, कल्याण और सीएसएमटी मुंबई स्टेशनों के रीमॉडलिंग और माटुंगा स्टेशन पर रेलवे की जमीन का मुद्रीकरण (मोनेटाइजेशन) में शामिल थे।

भुसावल मंडल रेल प्रबंधक के रूप में काम करते हुए 17000 से अधिक कर्मचारियों की एक बहु-विषयक टीम का नेतृत्व किया। बुनियादी ढांचे और परिचालन मापदंडों में समग्र सुधार के अलावा उन्होंने रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने को एक मिशन के रूप में लिया है और मंडल पर रेलवे भूमि से 80% अतिक्रमण हटाने में सफल रहे। 15 से 17 नवंबर 2018 तक चलाए गए भारतीय रेलवे पर अतिक्रमण हटाने के सबसे बड़े अभियान में से एक में, भुसावल में रेलवे की जमीन से 3000 से अधिक घर (झोपड़ी/पक्के घर) और लगभग 350 दुकानें और 120 एकड़ से अधिक कीमती संपत्ति हटा कर भूमि पुनः प्राप्त की गई। मार्च, 2019 में उन्हें मंडल रेल प्रबंधक, भुसावल के रूप में भारतीय रेलवे पर डिलीवरी में सुधार की दिशा में मजबूत नेतृत्व और प्रदर्शन उत्कृष्टता प्रदान करने के लिए रेल मंत्री से परफोर्मेंस एक्सीलेंस (प्रदर्शन उत्कृष्टता) पुरस्कार मिला।

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के प्रॉपर्टी बिजनेस विभाग के प्रमुख के रूप में काम करते हुए प्रॉपर्टी बिज़नेस सेल की कुल कमाई 158.88 करोड़ रुपये (वर्ष 2014-15 के दौरान) से बढ़कर 230.78 करोड़ रुपये (वर्ष 2016-17 के दौरान) हो गई, यानी 45% की बढ़ोतरी एयरपोर्ट लाइन की कमाई (एनएफआर) 10.27 करोड़ रुपये (वर्ष 2014-15 के दौरान) से बढ़कर 40 करोड़ रुपये (वर्ष 2016-17 के दौरान) हो गई, इस प्रकार परिचालन में घाटे में चल रही एयरपोर्ट मेट्रो लाइन परिचालन में लाभ कमाने वाली लाइन बन गई।
उन्होंने पूर्वी रेलवे पर मुख्य इंजीनियर (निर्माण) के रूप में भी काम किया है और नई लाइन और दोहरीकरण कार्यों को निष्पादित किया है। जीएम/शहरी परिवहन/राइट्स मुंबई के रूप में उन्होंने पश्चिम रेलवे उप-नगरीय मार्गों पर एलिवेटेड कॉरिडोर का व्यवहार्यता अध्ययन किया है। उन्होंने मुंबई मेट्रो वन के निष्पादन में स्वतंत्र सुरक्षा अधिकारी के रूप में काम किया है।

इरिसेन पुणे में वरिष्ठ संकाय के रूप में उन्होंने संस्थान के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में अनुबंध और मध्यस्थता पर विभिन्न पाठ्यक्रम संचालित किए हैं। वह भारतीय रेलवे के सिविल इंजीनियरों के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित करने में भी शामिल थे। लंबी वेल्डेड रेल, कर्व्स, ट्रैक रखरखाव, पुलों का पुनर्वास, मशीनीकृत ट्रैक रखरखाव, अनुबंध और मध्यस्थता जैसे विभिन्न विषयों पर व्याख्यान देना, इरिसेन जर्नल के लिए लेख लिखना और संपादन करना और भारतीय रेलवे के मुख्य ट्रैक इंजीनियरों के लिए ट्रैक सेमिनार का आयोजन और संचालन करना आदि शामिल हैं। उन्हें दादर स्टेशन पर पीएससी गर्डरों के साथ 12 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) की उत्कृष्ट योजना और निष्पादन के लिए 1999 में महा प्रबंधक का पुरस्कार मिला है, जो रेलवे प्रणाली का सबसे चौड़ा एफओबी है। इसके अलावा वरिष्ठ मंडल इंजीनियर (समन्वय) के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, पुणे मंडल को मंडल पर इंजीनियरिंग कार्यों की उत्कृष्ट योजना और निष्पादन के लिए 2004 में मध्य रेल की इंजीनियरिंग दक्षता शील्ड प्राप्त हुई थी।

उन्होंने एसडीए बोकोनी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, मिलान, इटली में कार्यकारी नेतृत्व कार्यक्रम (डीआरएम के लिए) और इनसीड सिंगापुर और आईसीएलआईएफ, मलेशिया में एडवांस मैनेजमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लिया है। उन्होंने आईएसबी हैदराबाद में रणनीतिक प्रबंधन कार्य कार्यशाला और आईएसबी मोहाली में नेतृत्व संवर्धन विकास कार्यक्रम में भी भाग लिया है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading