भाजपा के विस्तारवादी राजनिति का शिकार बना संवैधानिक अनुबंध, महाराष्ट्र में विकासकों ने दी हड़ताल पर जाने की चेतावनी | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

भाजपा के विस्तारवादी राजनिति का शिकार बना संवैधानिक अनुबंध, महाराष्ट्र में विकासकों ने दी हड़ताल पर जाने की चेतावनी | New India Times

2014 के बाद दूसरी बार कल 26 नवंबर को देशभर में संविधान दिवस धूमधाम से मनाया जा सकता है। संविधान का मतलब होता है “सरकार और जनता के बीच का ऐसा अनुबंध जिसके अनुसार लोकतांत्रिक व्यवस्था को चलाया जाता है।” 2014 के बाद भाजपा ने लोकतांत्रिक व्यवस्था के भीतर विस्तारवादी व्यवस्था पैदा कर दी जिसको मजबूत बनाने के लिए धार्मिक अलगाववाद का सहारा लिया।

भाजपा के विस्तारवादी राजनिति का शिकार बना संवैधानिक अनुबंध, महाराष्ट्र में विकासकों ने दी हड़ताल पर जाने की चेतावनी | New India Times

संविधान के साथ सबसे बड़ा द्रोह महाराष्ट्र में किया गया। यहां विश्वगुरु जी केंद्र की सत्ता में वापसी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार दी गई राज्य सरकार को गैर कानूनी तरीके से चला रहे हैं। इस डेढ़ साल में महाराष्ट्र का आर्थिक, वैचारिक, सांस्कृतिक, शिक्षा मामलों में बहुत नुकसान हो चुका है। डबल इंजिन के निज़ाम का अंजाम यह है कि महाराष्ट्र के ठेकेदारों ने संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर सरकार को हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। सरकार की ओर से बीते डेढ़ साल से विकासकों का 10 हजार करोड़ रुपया बकाया है। जलगांव को 300 करोड़ रूपयों की प्रतीक्षा है। ठेकेदार संगठनों ने बकाए के लिए इसके पहले कई बार आंदोलन किए हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से ऋण के रूप में मिलने वाले 70 हज़ार करोड़ रुपयों के लिए शिंदे-फडणवीस सरकार की गारंटी अवैध है। राज्य का वित्तीय घाटा 60 हजार करोड़ रुपए का है। 2020 – 21 में केंद्र से मिलने वाला GST का 25 हजार करोड़ रुपया कहां गया इसका कोई जवाब नहीं है। इस सरकार में चल रहे आर्थिक कुप्रबंधन को लेकर New India Time’s ने समय समय पर कई रिपोर्ट्स प्रकाशित की है। 7 दिसंबर से नागपुर में विधानसभा का शीत सत्र आरंभ होने वाला है जिसके चलते विकासक यह आशा कर रहे हैं कि केंद्र सरकार राज्य को आर्थिक पैकेज घोषित करेगी।


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