मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
फ़ाज़िली उर्दू लिटरेरी एवं वेलफेयर सोसाइटी बुरहानपुर के तत्वावधान में आकाशवाणी के पूर्व निदेशक एवं प्रख्यात शायर एवं तस्वीर का तरफ नमक गजल संग्रह के लेखक जनाब अज़ीज़ अंसारी इन्दौर के सम्मान में खुर्शीद फारूकी हॉल, मोहल्ला मोमिनपुरा में बुज़ुर्ग उस्ताद शायर लतीफ शाहिद की सदारत में बीती रात एक एज़ाज़ी मुशायरे का आयोजन किया गया। फ़ाज़िली सोसाइटी की ओर से सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. आरिफ़ अंसारी ने अज़ीज़ अंसारी की सेवा में सम्मान पत्र (प्रशस्ति पत्र) प्रस्तुत किया और बताया कि अज़ीज़ अंसारी हिंदी और उर्दू दोनों ही क्षेत्रों के शहसवार (शूरवीर) हैं। आपकी अब तक कुल तेरह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। सिनफ सलासी पर आधारित आपका काव्य संग्रह मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी के आर्थिक सहयोग से हाल ही में प्रकाशित हुआ है। अज़ीज़ अंसारी बुरहानपुर मरहूम उस्ताद शायर फ़ाज़िल अंसारी के गिरोह (हलके) से संबंध रखते हैं।
मेहमान शायर अज़ीज़ अंसारी ने एज़ाज़ी मुशायरे में ग़ज़लें और सलासी (त्रिविध) प्रस्तुत कर सुनने वालों का दिल जीत लिया। आपका एक शेर है..
मुझ में सब कुछ है और कुछ भी नहीं
जैसे तस्वीर का दरख़्त हूँ मैं
इस काव्यांजलि सभा का संचालन वक़ार आसिफी और जावेद राना ने किया। एज़ाज़ी मुशायरे में फैज़ खलीकी, वाहिद अंसारी, मजाज़ आशना, खुर्शीद फारुकी, जमील अंसारी, वली शमीमी, अल्ताफ अनवर, सलीम खावर, शकील अनवर, डॉ शहज़ाद अंजुम बुरहानी, आबिद नज़र,अहमद जमील क़ासमी, रशीद अंबर, नईम ताज, कय्यूम अफ़सर, शरार आसिफी, अली आगाज़, ईमरान शाहिदी ने अपने कलाम से नवाज़ा। शरार आसिफी के दुआईया कलमात पर रात 2:00 बजे मुशायरा समाप्त हुआ।
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