मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

कवियों एवं शायरों की एक अच्छी विशेषता यह है कि जब भी कोई शायर या कवि किसी शहर या नगर में पहुंचता है तो उस शहर या नगर के शायरों या कवियों का ग्रुप अपनी बिरादरी के लोगों का स्वागत और सम्मान करने में सदैव तत्पर रहते हैं और फौरन ऐज़ाज़ी मुशायरा या नशिष्त (काव्यांजलि सभा) उस आगंतुक (मेहमान) शायर या कवि के सम्मान में आयोजित करते हैं। इस परंपरा के तहत बुरहानपुर की सरज़मी के सपूत एवं ख्याति प्राप्त युवा शायर डॉक्टर वासिफ़ यार खान के भोपाल पहुंचने पर उन का बज़्म ए शाहिद अख़्तर की जानिब से एक शेअरी नशिष्त का ऐहतेमाम करते हुए एज़ाज़(सम्मान ) किया गया। इस सम्मान पर डॉक्टर वासिफ यार ने परवेज अख्तर साहब भोपाल और एहलियाने भोपाल का शुक्रिया अदा किया है।