अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

डे-एनयूएलएम परियोजना में हुए घोटाले की जांच को लेकर कांग्रेस छात्र इकाई एनएसयूआई हमलावर है। एनएसयूआई नेता रवि परमार ने गुरुवार को नगरीय प्रशासन आयुक्त भरत यादव के कार्यालय के बहार सांकेतिक प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि व्यापम घोटाले,नर्सिंग घोटाले से भी बड़ा घोटाल डे एनयूएलएम परियोजना में हुआ हैं। रवि परमार ने ज्ञापन के माध्यम से नगरीय प्रशासन आयुक्त को अवगत कराया कि मध्यप्रदेश में दलालों के माध्यम से कुछ फर्जी संस्थाओं द्वारा नगर पालिका नगर पालिका के माध्यम से डे एनयूएलएम परियोजना में करोड़ो अरबों रुपए का घोटाला किया है। परमार का दावा है कि वर्ष 2021-22 में नगर पालिका निगम भोपाल और अन्य नगर पालिकाओं द्वारा कई फर्जी संस्थाओं को डे एनयूएलएम परियोजना के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्य दिया गया। जिसमें संस्थाओं द्वारा फर्जी छात्र छात्राओं का पंजीयन कर प्रशिक्षण के फर्जी दस्तावेज और फर्जी फोटो विडियो बनाकर निगम से प्रशिक्षण कार्य के नाम करोड़ों रुपए की राशि वसूली गई।
परमार ने आगे बताया कि प्रशिक्षण केन्द्रों का समय समय पर निगम के जिम्मेदार अधिकारी जिसमें सामुदायिक संगठक ( डे एनयूएलएम नगर निगम भोपाल ) और जोन अधिकारी द्वारा निरीक्षण भी किया गया लेकिन निरीक्षणकर्ता ने भी नियमों को अनदेखा कर नियम विरुद्ध फर्जी संस्थाओं से आपसी सांठगांठ और पैसों का लेन देन कर फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट जमा कर निगम को गुमराह कर फर्जी संस्थाओं को करोड़ों रूपए लुटने में सहयोग प्रदान किया गया।
नगरीय प्रशासन आयुक्त ने दिया आश्वासन

एनएसयूआई की मांग पर नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त भरत यादव ने छात्र नेता रवि परमार को आश्वासन दिया किया जल्दी एक कमेटी गठित कर पूरे मामले की जांच कर फर्जी संस्थाओं जो प्रशिक्षण की राशि दी गई हैं उसकी रिकवरी कर मुकदमा दर्ज कर ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई करेंगे साथ ही निगम के जो भी अधिकारी कर्मचारी इसमें संलिप्त होंगे उन पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करेंगे। परमार ने बताया कि वहीं जब हमने कुछ संस्थाओं की जांच कि तो उसमें पाया कि भोपाल में सीपीआईटी एज्युटेक प्राइवेट लिमिटेड प्रशिक्षण संस्था द्वारा दो अगल-अलग संकाय में 360 बच्चों को प्रशिक्षण देना कागजों में दर्शाया गया जिसके लिए संस्था को निगम से ₹4694820/- रूपए की राशि प्राप्त हुए। वहीं दूसरी संस्था शिव एजुकेशन सोसाइटी द्वारा तीन अलग अलग संकाय में 540 बच्चों को प्रशिक्षण देने कागजों में दर्शाया गया जिसके लिए संस्था को निगम से ₹8043116/- रूपए की राशि प्राप्त हुए।

रवि ने ज्ञापन में बताया कि दोनों फर्जी संस्थाओं द्वारा कुल मिलाकर एक करोड़ छब्बीस लाख सतहतर हजार नौ सौ छत्तीस ( ₹ 1,26,77,936/- ) रूपए की राशि का गबन किया। जब राजधानी में शासन प्रशासन की नांक के नीचे इतना बड़ा फर्जीवाड़ा किया उस हिसाब से प्रदेश में ऐसी सैकड़ों फर्जी संस्थाएं डे एनयूएलएम परियोजना में फर्जीवाड़ा कर अरबों रुपए का गबन कर रही हैं पूरे प्रदेश में डे एनयूएलएम परियोजना के अंतर्गत सत्र 2021-22 में 322 संस्थाओं ने 1 लाख के लगभग छात्र छात्राओं को प्रशिक्षण देना दिखाया गया।

परमार ने कहा कि यहीं नहीं संस्थाओं द्वारा फर्जी ट्रेनर भी दिखाई गई संस्थाओं द्वारा जो ट्रेनर्स के नाम दस्तावेजों में लिखे हैं वास्तविक में वो ट्रेनर्स ही नहीं हैं रवि परमार ने बताया कि सरकार द्वारा जिस राशि को गरीब छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण देने के लिए स्वीकृत किया निगम के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी संस्थाओं द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाकर गबन किया। NSUI ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं कि गई तो एनएसयूआई EOW और लोकायुक्त में शिकायत करने के साथ साथ उग्र प्रदर्शन करेंगी।
इस मौके पर राजवीर सिंह, डॉ रामबाबू नागर, ईश्वर चौहान, जितेंद्र विश्वकर्मा श, डॉ सनी तिवारी, डॉ दिनेश डांगी, विक्रम आमलाबे,पवन पवार, रामेश्वर ठाकुर, नितेश सेन, बीरम पवार और सभी एनएसयूआई कार्यकर्ता उपस्थित थे।