नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

गांधी को मिटाने की कितनी भी कोशिशें कर लीजिए एक ही आवाज गूंजेगी की गांधी कभी मरते नहीं। गांधी से इत्तेफाक रखने वाली कोई सोच उनके सामने टिक नहीं सकी। इस विचार कि यही महानता है कि चुनावी साल में महात्मा गांधी की जयंती को धूमधाम से मनाया जा रहा है। राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी के जयंती पर केंद्र सरकार के स्वच्छता ही सेवा अभियान तहत जामनेर विधि सेवा समिति की ओर से स्वच्छ भारत अभियान रथ निकाला गया। इसके बाद कोर्ट परिसर में साफसफाई मुहिम चलाई गई।

महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जी को अभिवादन किया गया। मौके पर न्या डी एन चामले समेत बार कौंसिल के सभी सदस्य मौजूद रहे। बस स्टैंड पर बोहरा सेंट्रल स्कूल की ओर से नन्हें विद्यार्थियों द्वारा सफाई अभियान से संबंधी नाटिका का मंचन किया गया। प्रिंसिपल श्रीदेवी नायर, डिपो मैनेजर कमलेश धनराले, अरुण खरे, मोहम्मद शाहिद, वैशाली पाटील, अशोक वांगेकर तथा मान्यवरों ने सफाई व्यवस्था को चमकाया। गांधी जयंती पर पूरे देश में स्वच्छता हि सेवा अभियान चलाया जा रहा है अलग अलग किस्म के प्रतिष्ठान के लोग सफेद कपड़े पहनकर हाथ में झाड़ू लेकर कचरा उठाने के इवेंट से सेवा सेगमेंट मे अपने संस्था का का मेरिट बढ़ाने मे लगे है।

स्वच्छ भारत मिशन आरंभ हुआ था तब सरकारी बैनर पर केवल चश्मा था गांधी गायब थे। अब चमत्कारिक तरीके से बनेरो पर गांधी प्रकट कर दिए गए है। जानकारी के मुताबिक चुनावी साल होने के कारण सरकार की ओर से इस कार्यक्रम के लिए प्रसारण का बजट घटा दिया गया है। राजनीतिक हलको मे कैमरे के एंगल इस प्रकार से सेट कर दिए गए है जिससे जनता को गांधी कम और नेताओ की गांधी भक्ति ज्यादा नजर आए। मणिपुर मे गांधी जयंती किस प्रकार से मनाई गई इस पर किसी विदेशी मीडिया द्वारा की गई खोजी रिपोर्ट का देश को इंतजार रहेगा। ज्ञात हो कि एक अक्टूबर 2023 से मणिपुर मे अफस्फा कानून लागू कर पूरी घाटी को छह महीने तक अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। तमाम आलोचनाओ के बाद भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ना मणिपुर का दौरा किया है और ना हि शांति की अपील कि है।