वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
जिला पुरुष चिकित्सालय में मंगलवार को स्नेक बाइट अवेयरनेस प्रोग्राम के अंतर्गत एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता सीएमएस डॉ आईके रामचंदानी ने की। इस गोष्ठी के माध्यम से डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और फार्मेसी स्टूडेंट्स को स्नेक बाइट से जुड़ी गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई।
सीएमएस डॉ आईके रामचंदानी ने बताया कि बरसात के महीना में स्नेक बाइट या फिर सांप के काटने वाले मरीज में इजाफा होता है। ऐसे में उनकी जान बचाने के लिए जो शुरुआती सावधानियां चिकित्सा पैरामेडिकल स्टाफ को बरतनी होती है उन्हें लेकर ही स्नेक बाइट अवेयरनेस प्रोग्राम के अंतर्गत गोष्ठी की गई है। इसमें जिला चिकित्सालय के फिजिशियन डॉक्टर्स, फार्मासिस्ट, पैरामेडिकल स्टाफ और फार्मेसी स्टूडेंट्स को इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में अवगत कराया गया है। जिसमें लक्षणों की पहचान, इलाज़ और सावधानी सहित समय की बचत को लेकर जानकारियां दी गई है।
उन्होंने कहा कि वैसे तो ग्रामीण क्षेत्र से अमूमन ऐसे केस आया करते हैं, जिनमें कई बार देरी हो जाने के चलते और सही देखभाल न मिलने के चलते मरीज की मौत हो जाती है, परंतु अगर सही समय पर उसका इलाज़ सही तरीके से किया जाए तो ऐसे मरीजों को भी बचाया जा सकता है। इसे लेकर यह प्रोग्राम आयोजित किया गया है। सांप के काटने के बाद लोगों में बहुत अधिक डर बैठ जाता है जो सबसे अधिक नुकसान करता है। ऐसे में बिना घबराए उसे तत्काल नज़दीकी चिकित्सालय में ले जाना चाहिए। आज सभी तरह के सांपों के काटने का इलाज संभव है। मरीज को डरने के साथ-साथ दौड़ भाग नहीं करनी चाहिए और कम समय में चिकित्सालय पहुंचना चाहिए। जिससे उसका उचित उपचार शुरू हो सके और इस प्रशिक्षण का उद्देश्य उसी समय को गंभीरता से हैंडल करना है। जब ऐसा मरीज़ चिकित्सालय में आता है तो उसे तत्काल इलाज की ज़रूरत होती है। सही देखभाल के साथ-साथ ऐसे मरीजों को सही व्यवहार की आवश्यकता भी होती है जो इस अवेयरनेस प्रोग्राम का हिस्सा है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.