अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है। एमसीयू द्वारा नवनिर्मित विशनखेड़ी परिसर में 15 सितंबर को दीक्षांत समारोह का आयोजन होने जा रहा है।
जिस में विश्वविद्यालय के कुलसचिव (रजिस्ट्रार) द्वारा एक अधिसूचना जारी कर पूर्व छात्रों से 600 रुपए की राशि मांगी गई है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव का तर्क है कि 600 रूपए में छात्र-छात्राओं को अंगवस्त्रम् एवं दोपहर का भोजन करवाया जाएगा। इस अधिसूचना के विरोध में एनएसयूआई के रवि परमार ने उपराष्ट्रपति को पत्र लिख कर 3 लाख की राशि विश्वविद्यालय को प्रदान करने की मांग की है।
उपराष्ट्रपति को संबोधित पत्र में रवि परमार ने लिखा है कि, “हाल के वर्षों से तक विवि के कोष में सैंकड़ों करोड़ रुपए जमा थे। लेकिन कतिपय लोगों ने विश्वविद्यालय को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। एक पूर्ववर्ती कुलपति ने तो विवि के रुपयों को भोग विलास में खर्च किया, जिसकी ईओडब्ल्यू जांच भी कर रही है। वर्तमान में भी यही स्थिति है और हमें पूर्ण विश्वास है कि तीन महीने बाद जब कांग्रेस सरकार आएगी तो मौजूदा कुलपति के घोटालों के कारनामे भी उजागर होंगे।’
परमार ने उपराष्ट्रपति से कहा कि, “पूर्व स्टूडेंट्स के अंगवस्त्रम् और भोजन में लगभग 3 लाख रुपए की राशि खर्च होगी। विश्वविद्यालय को दीक्षांत समारोह में अंगवस्त्रम् और भोजन की व्यवस्था करने के लिए आवश्यक राशि स्वीकृत करें ताकि विवि को अपने पूर्व छात्रों से चंदा मांगने की नौबत न आए। साथ ही आप भी अपने दोपहर का भोजन (लंचबॉक्स) भी साथ लेकर आएं क्योंकि विश्वविद्यालय के पास भोजन की व्यवस्था करने हेतु फंड की अत्यधित कमी है।”
परमार ने कहा कि इससे न सिर्फ माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की छवि खराब होने से बचेगी बल्कि महान स्वतंत्रता सेनानी एवं कांग्रेस नेता माखनलाल चतुर्वेदी जी के नाम पर बने इस विवि के पूर्व छात्र छात्राओं को भी अपने संस्थान पर गर्व होगा।
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