रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, पंकज बडोला, झाबुआ (मप्र), NIT:
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स्नेह यात्रा की शुरुआत गुरुवार को ग्राम चेनपुरी से की गई, वहाँ पर ग्राम के ग्रामीणजनों द्वारा स्वामी प्रणवानंद का स्वागत किया गया एवं उनके द्वारा आशीष वचन दिए गए एवं हनुमान चालीसा वितरित की गई साथ ही प्रसाद भी दिया गया यात्रा की अगली कड़ी कोटड़ा में आई और वहाँ पर भी स्वामी प्रणवानंद के द्वारा सभी को सनातनी धर्म और हम सब एक हैं और हमें जातियों के आधार पर कोई भेदभाव ना करते हुए सभी से प्रेम पूर्वक व्यवहार करना चाहिए, सभी भाई आपस में मिल जुल कर रहने का संदेश दिया गया।
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इसी के साथ यात्रा आगे बढ़ती हुई सुजापुरा पहुंची वहाँ पर समाज जन और बच्चों द्वारा स्वामी प्रणवानंद का स्वागत किया गया।
गांव के सनातन धर्म के प्रचारक खुमसिंह महाराज के द्वारा स्वागत किया गया एवं स्वामी प्रणवानंद ने बच्चों से संवाद किया और उनको रुद्राक्ष की माला बांटी एवं भजन किए गए।
यात्रा सुजपुरा से गुलरीपाडा होती हुई खवासा के लिए प्रस्थान हुई रास्ते के गांवों में स्वामी प्रणवानंद का स्वागत किया गया।
यात्रा खवासा पहुंची वहाँ पर यात्रा का भव्य स्वागत किया गया, महिलाओं और बालिकाओं द्वारा कलश यात्रा निकाली और बैंड बाजे के साथ स्वामी प्रणवानंद ने नगर भ्रमण किया जहाँ जगह-जगह पर हार फूल से यात्रा का स्वागत किया गया और खवासा में की बड़ी सभा का आयोजन किया गया। महा सभा मे महामंडलेश्वर प्रणवानंद सरस्वती महाराज ने संत शिरोमणि रविदास महाराज के जीवन के बारे में बताया कि कैसे रविदास शिरोमणी रविदास महाराज बने रविदास के गुरु, कबीरदास महाराज, मीरा बाई एवं बहुत सारी आध्यात्मिक जानकारी धर्मप्रेमी ग्रामीणजनों को दी गई। सभी को रक्षा सूत्र भी बांधे एवं हमुनान चालीसा तथा रुद्राक्ष वितरित किए गए। महा सभा के बाद सभी ग्रामीण जनों ने स्वामी प्रणवानंद के साथ भोजन प्रसादी ग्रहण की।
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