रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
अवैध रूप से संचालित साईं नर्सिंग होम में डेंगू के लिए भर्ती युवती की हुई मौत ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी है।
घटना के बाद हुई जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
क्षेत्र में ऐसे कई क्लिनिक और नर्सिंग होम अवैध रूप से शासन के मापदंडों के विरूद्ध संचालित हो रहे हैं।
जिनकी और स्वास्थ्य विभाग आंखें मूंदकर बैठा है।
साईं नर्सिंग होम पर स्वास्थ्य विभाग ने 18 घंटे के बाद लोगों और मीडिया के दबाव में कार्यवाही की।
नर्सिंग होम को सील कर दिया गया है
ग्राम वालाखोरी की युवती पायल पिता राजू मईडा (19) की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग के सीएचओ डॉ. एन के पठान ने बताया कि प्रारंभिक जांच में डॉ. फौजमल नायक के पास बीएचएमएस की डिग्री है तथा नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन उन्हीं के नाम पर पाया गया।
जिस बिल्डिंग में नर्सिंग होम संचालित हो रहा है, वह तीन मंजिला बिल्डिंग किराए से ले रखी है।
मरीजों को भर्ती करने के लिए तीस बेड
लगाए हैं।
नर्सिंग होम में अवैध रूप से संचालित लेबोरेटरी भी पाई गई
ऑपरेशन के लिए ओटी भी बनी है और एक मेडिकल भी संचालित पाया गया।
इसमें एलोपैथिक की दवाई रखी थी, जांच के बाद सील कर दिया गया।
डॉ. पठान ने बताया कि नर्सिंग होम में ओपीडी रजिस्टर व भर्ती रजिस्टर भी नहीं था।
युवती के उपचार संबंधी दस्तावेज भी गायब कर दिए गए हैं। जिस वाहन से युवती को जीवन ज्योति हॉस्पिटल मेघनगर भेजा गया था वह शासकीय 108 एम्बुलेंस चलाने वाले ड्राइवर का बताया गया है।
शासकीय एंबुलेंस का ड्राइवर एम्बुलेंस छोड़कर निजी वाहन लेकर कैसे गया यह भी जांच का विषय है।
मौके पर गए जांच दल ने बताया कि सीसीटीवी की सीडीआर, नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
नर्सिंग होम के बाहर चार डॉक्टरों के नाम अंकित हैं
पीड़ित परिवार ने बताया कि हमारी लड़की का उपचार डॉ. फौजमल ने किया था और कोई भी डॉक्टर हॉस्पिटल में नहीं था।
जबकि नर्सिंग होम के बाहर डॉ. राहुल भाबोर, डॉ. हार्दिक नायक व डॉ. विलास लबाना के नाम अंकित है।
गौरतलब है कि अप्रैल में नगर के मां हॉस्पिटल में एक नाबालिग बालिका के 14 सप्ताह के गर्भपात करने के दौरान बालिका की हालत बिगड़ने पर रेफर कर दिया गया था।
तब भी परिजन ने हंगामा मचाया और हॉस्पिटल की जांच की मांग की थी, लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग अभी तक जांच रिपोर्ट तैयार नहीं कर पाया है। तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. जयपाल सिंह ठाकुर ने मां हॉस्पिटल को क्लीन चिट दे दी थी। लोगों की जान से खिलवाड़ करने के ऐसे कई मामले सामने आने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं आया है।
जांच पूरी होने के बाद नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी
नर्सिंग होम संचालक द्वारा रजिस्ट्रेशन का दुरुपयोग होना पाया गया, तो रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जा सकता है। अभी तो संचालक फरार है, जांच पूरी होने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। डॉ. अजय मिश्रा, सीएमएचओ झाबुआ
नर्सिंग होम में काफी अनियमितता पाई गई
सोमवार दोपहर डीएचओ डॉ. एनके पठान, बीएमओ डॉ. भुवानसिंह डावर, तहसीलदार अनिल बघेल, नायब तहसीलदार पलकेश परमार ने साईं नर्सिंग होम पहुंचकर मौका पंचनामा बनाया व पीड़ित परिवार के बयान दर्ज किए। डॉ. पठान ने बताया कि नर्सिंग होम में काफी अनियमितता पाई गई हैं। मौके पर हॉस्पिटल का कोई डॉक्टर या कर्मचारी उपस्थित नहीं था। नर्सिंग होम को सील कर दिया गया है।
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी
नर्सिंग होम के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। जांच पूरी होने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नर्सिंग होम संचालक ने युवती को डेंगू होने संबंधी जानकारी भी नहीं दी थी। डॉ. भुवानसिंह डावर, बीएमओ सिविल हॉस्पिटल थांदला।
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