झाबुआ विधानसभा में घमासान,<br>भाजपा उम्मीदवारों के विरोध में हज़ारों कार्यकर्ता उतरे सड़कों पर | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

भारतीय जनता पार्टी के ज़िलाध्यक्ष भानू भूरिया को भाजपा द्वारा झाबुआ विधान सभा का अधीकृत उम्मीदवार बनाए जाने के विरोध में भाजपा कार्यकर्ता मुखर हो गए।

सैकड़ों युवा कार्यकर्ताओं ने झमाझम बारिश में वाहन रैली निकालकर उम्मीदवार का विरोध किया।

कृषि उपज मंडी परिसर में भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता दो पहिया वाहनों से एकत्रित हुए।

कुछ कार्यकर्ताओं के हाथ में भाजपा के झंडे के साथ ही काले झंडे भी थे।

कई कार्यकर्ताओं ने हाथ में तख्तीयां ले रखी थी, जिस पर लिखा था, भानू भूरिया हटाओ, झाबुआ सीट बचाओ।

कार्यकर्ताओं ने भाजपा के समर्थन और विधान सभा उम्मीदवार भूरिया के विरोध में जमकर नारेबाजी करते हुए शहर के मुख्य मार्गों से वाहन रैली निकाली।

झाबुआ कृषि उपज मंडी परिसर से प्रारंभ हुई रैली राजगढ़ नाका, विजय स्तंभ आजाद चौक, राजवाड़ा चौक, काॅलेज मार्ग होते हुए राजगढ नाका पर समाप्त की गई।

रैली का नेतृत्व कर रहे भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता रमेश भाबोर ने कहा की हम भाजपा के विरोध में नहीं हैं। प्रत्याशी के विरोध में हैं।

हम परिवारवाद का विरोध कर रहे हैं।

भानू भूरिया स्वयं भाजपा के ज़िलाध्यक्ष हैं।

और इनकी पत्नी रानापुर जनपद पंचायत की अध्यक्ष हैं और आईटीडीपी की अध्यक्ष हैं।

भाबोर ने कहा, भाजपा ने झाबुआ विधानसभा का प्रत्याशी भी भानू भूरिया को बना दिया है।

एक ही परिवार में इतने पद दिए जाएंगे तो बाकी के पुराने कार्यकर्ता कहां जाएंगे। इसलिए पार्टी के कार्यकर्ताओं में नाराज़गी है।

भाबोर ने बताया की रैली के माध्यम से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को अवगत करा रहे हैं, प्रत्याशी को बदला जाए और प्रत्याशी नहीं बदला जाता तो इसकी जवाबदारी भाजपा की होगी।

क्योंकि कोई भी कार्यकर्ता भानू के लिए काम नहीं करेगा।

वहान रैली में झाबुआ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बोरी, कल्याणपुरा, झाबुआ, पिटोल, कुंदनपुर और रानापुर क्षेत्र के हज़ारों कार्यकर्ता शामिल हुए।

इसमें जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, सरपंच, पंच, बूथ स्तर के कार्यकर्ता सहित मंडल के कार्यकर्ता शामिल हुए।

संभवतः यह पहली बार हुआ है की भाजपा द्वारा घोषित अधीकृत उम्मीदवार के ख़िलाफ़ कार्यकर्ताओं का आक्रोश सामने आया है।

ऐसे में भाजपा उम्मीदवार भानू भूरिया की राह आसान नहीं दिख रही है।

साथ ही पार्टी की चिंता भी बढ़ गई है।

उधर कांग्रेसियों में खुशी का माहौल है।


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By nit

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