जामनेर के खुले मैदानों पर हो रही है देसी पिग फार्मिंग, फोरलेन पर नहीं थम रहे हैं हादसे | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

नगर परिषद बिल्डिंग के चारों ओर दो किमी के दायरे में बसे जामनेर शहर के रिहायशी इलाकों के खुले मैदान देसी पिग फार्मिंग के अड्डे बन चुके हैं। घंटा गाड़ी के नियमित सेवा का अभाव और इंसानी लापरवाही से फेंके जाने वाले जूठन पर झाड़ियों-पत्तियों के आड़ में फलती फूलती इन आवारा सूअरों की तादात मानवी समाज के लिए खतरा साबित हो रही है।

इस मामले में NIT ने 1 अगस्त को रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसके बाद निगम प्रशासन ने सफाई अभियान चलाया और कुछेक जगहों से आवारा पशुओं को पकड़ने का ड्रामा भी किया। जामनेर की भोली भाली जनता को बारामती में रहने जैसा गर्व महसूस करवाने के लिए आठ करोड़ से बनाई गई अप्रतिम फोरलेन सड़क पर आवारा कुत्तों, सूअरों के झुंड के हमले में बाइकर्स को हादसों का शिकार होना पड़ रहा है। हादसे में कइयों के पैर फ्रैक्चर हो रहे हैं तो कई कमर, कंधा, सिर में चोट खाकर अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं। जहा गंदगी होती है सुअर वहीं पाए जाते हैं और वह गंदगी के साथ सैकड़ों बीमारियों के कैरियर यानी वाहक बनते हैं। आवारा पशुओं में गाय और सांडों की संख्या को अनदेखा नहीं कर सकते। जामनेर में निगम का ना तो अपना सरकारी अस्पताल है और ना ही कोई स्कूल, बस एक ही विंग सक्षम है और वो है अतिक्रमण उन्मूलन विभाग। आम शहरी आज भी उस पल को याद करते हैं जब विपक्ष के नेता ईश्वर जैन ने नगर परिषद के निर्माण को यह कहकर विरोध किया था कि इससे जनता पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा। वर्तमान सत्ता पक्ष भाजपा ने एक न सुनी ग्राम पंचायत बर्खास्त कर निगम बनी लेकिन आज भी कामकाज ग्राम पंचायत से भी बदतर है। निगम में प्रशासक राज चल रहा है, चुनाव किसी भी समय घोषित हो सकते हैं इसलिए गली कालोनियों के नेता टिकट के लिए अपने राजनेता के पीछे अभिनेता बने घूम रहे हैं और राजनेता को लोकनेता बनने की बेहद चाह है लेकिन जनता की समस्या की ओर उनका ध्यान नहीं जा रहा है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading