राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

मक्का और धान की फसलों के बंपर उत्पादन पाने के लिए किसानों द्वारा यूरिया डीएपी खाद का छिड़काव किया जा रहा है लेकिन देवरी क्षेत्र में यूरिया की कालाबाजारी के कारण किसानों को समय से पर्याप्त यूरिया उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
देवरी क्षेत्र में यूरिया की सबसे अधिक किल्लत देखी जा रही है। निजी दुकानदारों द्वारा ₹267 की बोरी ₹500 बोरी का विक्रय किए जाने के कारण किसान परेशान हैं और मजबूरी में महंगे दामों पर यूरिया खरीद कर फसलों में छिड़काव किया जा रहा है।
वहीं सरकारी सोसाइटी में किसानों को यूरिया उपलब्ध नहीं हो पा रहा है जिससे कृषि उपज मंडी में विपरण संघ की गोदाम में यूरिया लिया जा रहा है लेकिन यूरिया वितरण अव्यवस्थाओं और मनमानी का शिकार होकर रह गया है।
ताजा मामला बुधवार को देखने को मिला जब सुबह 7:00 बजे से हजारों की संख्या में किसान पुलिस थाना परिसर में जमा हो गए और लंबी लंबी लाइन बनाकर यूरिया के कूपन की प्रत्याशा में देर शाम तक खड़े रहे।

इस दौरान धक्का-मुक्की होने से पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा और देर शाम तक पुलिस किसानों की भीड़ भाड़ और विवाद पर काबू पाने का प्रयास करती रही। बंदी और आधार कार्ड के आधार पर कूपन वितरण के काउंटर दो होने और करीब 1000 से अधिक किसानों की भीड़ के चलते पुलिस थाने के सामने नेशनल हाईवे की सड़क पर जाम की स्थिति बनी रही क्योंकि सड़क पर किसानों के वाहन खड़े थे और पूरा पुलिस थाना परिसर यूरिया की कतारों में खचाखच भरा हुआ था।
ग्राम राय खेड़ा के किसान प्रकाश ने बताया कि सुबह 6 बजे से लाइन में लगे हैं लेकिन यूरिया नहीं मिल पा रहा है पिछले 3 दिन से चक्कर काट रहे हैं। मानेगांव के किसान विजय सिंह ने बताया कि मक्का,धान की फसल के लिए यूरिया की आवश्यकता है पिछले 3 दिन से परेशान है ।20 एकड़ पर 5 बोरी यूरिया दिया जा रहा है। जिससे किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है क्योंकि प्रति एकड़ में 2 बोरी यूरिया खाद मक्का में डालना पड़ता है।
ग्राम जमुनिया पंडित के किसान नारायण दीक्षित ने बताया कि यूरिया नहीं मिल रहा है। सुबह से कूपन पाने के लिए लाइन में लगे हैं और धक्का-मुक्की होने से पुलिस हटा देती है जिससे परेशान हैं कूपन पाने के लिए सुबह से थाने में परेशान हैं लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.