अशफ़ाक कायमखानी, सीकर (राजस्थान), NIT:

राजस्थान विधानसभा चुनाव अभी तीन-चार महीने दूर होने के बावजूद सीकर जिले की लक्ष्मनगढ विधानसभा क्षेत्र के चुनाव को लेकर सियासी पारा अभी चढने लगा है। परम्परागत कांग्रेस की सीट माने जाने वाली इस सीट से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा तीन दफा लगातार विधायक बनते आ रहे हैं लेकिन पेपर लीक व रीट परीक्षा को लेकर घेरे में आये डोटासरा की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचने के कारण उनकी स्थिति में कुछ कमजोरी देखने को मिल रही है।
कांग्रेस उम्मीदवार लगभग गोविंद डोटासरा का तय होने के अलावा भाजपा उम्मीदवार अभी तय नहीं होने के बावजूद डोटासरा भाजपा उम्मीदवार के तौर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया को सम्भावित भाजपा उम्मीदवार मानकर क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमों मे अपने भाषण में जमकर टारगेट करते नजर आ रहे हैं। वहीं सुभाष महरिया भी बिना नाम लिये इशारे इशारे में अपने उद्धबोधन में पेपर लीक मामले में डोटासरा को घेरते दिखाई दिये।
हालांकि भाजपा ने अपना उम्मीदवार अभी तक तय नहीं किया है। महरिया के अलावा भागीरथ गोदारा, दिनेश जौशी, व हरिराम भी टिकट चाहने वालों में शुमार हैं। जबकि कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर गोविंद डोटासरा का नाम तय है। वर्तमान में डोटासरा स्थानीय विधायक के अलावा प्रदेश अध्यक्ष व चुनाव समिति के कनवीनर भी हैं जबकि पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जौशी के पहली दफा लक्ष्मनगढ आने पर विशाल सभा करके एवं प्रधानमंत्री की सीकर सभा में भीड़ जुटाकर ताकत का अहसास कराने के अतिरिक्त क्षेत्र मे लगातार जनसम्पर्क करने लगे हुए हैं।
कुल मिलाकर यह है कि शेखावाटी जनपद के लक्ष्मनगढ विधानसभा क्षेत्र का चुनाव बडा दिलचस्प व कांटे की टक्कर वाला हो सकता। चुनाव के घोषणा के पहले ही सम्भावित उम्मीदवार अपने विरोधी उम्मीदवार को टारगेट करते हुए आपस में आरोप-प्रत्यारोप के रास्ते पर चल पड़े हैं।
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