दफ़्तर के बाहर सेवाशुल्क बोर्ड का अभाव, पंजीकृत व्यवहारों के लिए नागरिकों से लुटे जा रहे हैं हजारों रुपये, जामनेर के मुकाबले पहुर में कम है भ्रष्टाचार | New India Times

नरेन्द्र कुमार ब्यूरो चीफ, जलगाँव (महाराष्ट्र), NIT:

दफ़्तर के बाहर सेवाशुल्क बोर्ड का अभाव, पंजीकृत व्यवहारों के लिए नागरिकों से लुटे जा रहे हैं हजारों रुपये, जामनेर के मुकाबले पहुर में कम है भ्रष्टाचार | New India Times

राजस्व विभाग के अधीन आनेवाला संपत्ति आदान प्रदान एवं जमीन व्यवहार पंजीकरण विभाग काफ़ी हद तक वित्त मंत्रालय के मैन्युअल और नियमो पर पर चलता है। जमीन जायदाद से जुड़े तमाम मामले इस दफ़्तर में नाममात्र सरकारी फीस और स्टाम्प ड्यूटी देकर रजिस्टर करवाए जाते हैं। पूरे राज्य में रजिस्ट्रेशन ऑफिसेस के बाहर उनके कार्यालय द्वारा दी जाने वाली सेवाओं का दर सुनिश्चित करने वाला रेट बोर्ड आपको कहीं नजर नहीं आएगा जिसके चलते इस विभाग में रजिस्ट्री के नाम पर होने वाला भ्रष्टाचार करोड़ों रुपयों में है। मंत्री गिरीश महाजन के गृह निर्वाचन क्षेत्र की ही बात करें तो जामनेर के दफ्तर में रोज 100 के करीब रजिस्ट्रियां होती हैं। स्टाम्प ड्यूटी अनिवार्यता को छोड़ दिया जाए तो रजिस्ट्रेशन के लिए लगने वाली 250 से 700 रुपए तक की फीस के साथ ऑफिस इंचार्ज बड़के बाबू और उनके पंटर सब को मिलाकर हजार से 1500 रुपए या फिर उससे भी अधिक पैसे जनता से ऐंठे जाते हैं। हालत तो यह है कि गैर कानूनी दलालो के जरिये होने वाले प्रोपर्टीज के हस्तांतरण को लेकर आपसी सहमति से कई किस्म का गड़बड़झाला किया जाता है जिसमें सरकार को स्टाम्प ड्यूटी में चूना भी लगा दिया जाता है और किसी को पता भी नहीं चलता। स्टाम्प ड्यूटी और बाबुओं की ऊपरी कमाई में रियायत पाने के लिए लोग पहुर में पंजीकरण करवाना पसंद करते हैं। पहुर में रजिस्ट्रेशन का काम जल्दी हो जाता है और पैसा भी कम लगता है। रजिस्ट्रेशन ऑफिस मे होनेवाले भ्रष्टाचार को संरक्षण हासिल कराने के लिए ऊपर तक हफ्ता सिस्टम को विकसित किया गया है।
शिकायत के लिए कतराते हैं लोग:- रिश्वत विरोधी विभाग द्वारा होने वाली कई कार्रवाईयों से राजस्व मंत्रालय के अधीन आने वाला दुय्यम निबंधक नाम का यह कार्यालय गायब है। इसकी वजह यह है कि आम लोग यह सोचते है कि मनमाने सेवा शुल्क को लेकर पूछताछ की तो अधिकारी उनके प्रकरण मे खामियां निकलेगा वैसे भी कहा हमे बार बार इस दफ़्तर के चक्कर काटने है एक बार रजिस्ट्री हो जाए बस ! सरकार स्वसंज्ञान लेकर इस विंग पर नजर रखे साथ हि तमाम कार्यालयो के बाहर सेवाशुल्क फलक को लगवाए ऐसी मांग हो रही है।
आगले ने संभाला चार्ज: जामनेर के नए तहसीलदार के रूप मे नानासाहब श्रीपती आगले ने पदभार संभाला है। पुणे के तालेगांव दाभाड़े के निवासी आगले ने चालीसगांव, कर्जत में बतौर तहसीलदार कामकाज देखा है.


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