नगर की जनता आखिर सड़क को लेकर क्यों है परेशान, निर्माणाधीन सड़क की गुणवत्ता पर भी उठ रहे हैं सवाल, घटिया निर्माण के कारण सरकार भी हो रही है बदनाम | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

नगर की जनता आखिर सड़क को लेकर क्यों है परेशान, निर्माणाधीन सड़क की गुणवत्ता पर भी उठ रहे हैं सवाल, घटिया निर्माण के कारण सरकार भी हो रही है बदनाम | New India Times

मेघनगर में बन रही सड़क की गुणवत्ता पर लगातार नगर की जनता सवाल उठा रही है। नगर में आदर्श रोड निर्माण में सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है अमुक अमुक वार्डों में कार्य अधूरा है और अधुरा छोड़ने वाले ठेकेदार नगर परिषद के ज़िम्मेदारों को जनता के कोषभजन का शिकार होना पड़ रहा है साथ ही घटिया निर्माण की वजह से सरकार भी बदनाम हो रही है।

नागरिकों के आक्रोश के बाद ठेकेदार ने छोटा-मोटा कार्य करने की सुध ली है। अब भी जगह-जगह घटिया निर्माण की लगातार नगर की जनता शिकायत कर रही है।
कुछ लोगों का कहना है कि वर्षों बाद अगर नगर की सड़कें बन रही हैं बनने दो क्योंकि वर्षों से नगर की जनता टूटी-फूटी सड़कों से पहले ही परेशान है।

नगर की जनता आखिर सड़क को लेकर क्यों है परेशान, निर्माणाधीन सड़क की गुणवत्ता पर भी उठ रहे हैं सवाल, घटिया निर्माण के कारण सरकार भी हो रही है बदनाम | New India Times

जनता का कहना है चूरी एवं गिट्टी के ढेर से नगर के रोड बंद पड़े हैं। सड़क निर्माण में रेती की जगह स्थानीय इन्ड्रस्टीज से निकली वेस्टेज डस्ट चूरी का उपयोग करने से नागरिकों में आक्रोश है। लापरवाहीपूर्वक निर्माण करने की नगर में चारों ओर चर्चाएं चल रही हैं।

नगर में झाबुआ चौराहा, आजाद चौक, बस स्टैंड महावीर भवन, शिवाजी चौक आदि जगह निर्माण कार्य को अधूरा छोड़ दिया है उसे लम्बा समय बीत चुका है जिससे परेशानियों का सबब बनते हुए रहवासियों के साथ वाहन चालक एवं राहगीर भी खासे परेशान हैं। आधे अधूरे निर्माण के कारण प्रतिदिन कोई ना कोई हादसा इन निर्माणाधीन स्थलों पर होते है। कई वाहन चालक दुर्घटना ग्रस्त हो रहे हैं।

बिना इंजीनियर की देखरेख में हो रहा कार्य

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ठेकेदार की लापरवाही से जनता का आक्रोश बढता जा रहा है। काम जल्द पूरा करने के दबाव में जल्दबाजी में कार्य किया जा रहा लेकिन निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं है। गुणवत्ता नियन्त्रण के लिए कोई इंजिनियर या तकनीशियन की मौजूदगी नहीं होना गंभीर लापरवाही दर्शाता है। कई वार्डों में हुए सडक निर्माण के दौरान बिना इंजीनियर की उपस्थिति के कार्य करने पर जागरूक रहवासियों द्वारा आपत्ति ली गई थी, जिससे कार्य में रुकावट भी आ गई थी।

इधर ठेकेदार रणजीत सिंह तोमर का कहना है कि कार्य की गुणवत्ता चेक करने के लिए हमने मशीने लगा रखी है। लेकिन लापरवाही इतना है कि उन मशीनों को देखने के लिए तकनीशियन या इंजिनियर रात को नहीं रहता है और सड़क निर्माण का काम रात दिन किया जाता है।


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