जलगांव जिला भाजपा उपाध्यक्ष गोविन्द अग्रवाल ने कृषी अधिकारी को पीटा, गिरफ्तारी की मांग को लेकर कर्मचारी हुए आक्रामक | New India Times

नरेंद्र कुमार, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

जलगांव जिला भाजपा उपाध्यक्ष गोविन्द अग्रवाल ने कृषी अधिकारी को पीटा, गिरफ्तारी की मांग को लेकर कर्मचारी हुए आक्रामक | New India Times

‘हम मालिक हैं, अब हमारे हाथ में सत्ता है, राज्य हम चला रहे हैं, तू यहां आया कैसे’ ये लाइन हिंदी मूवी के किसी प्रभावशाली किरदार के जुबानी कही हुई नहीं है कि जिसके अभिनय को आजादी के अमृत काल में कोई अवार्ड देकर सम्मानित किया जा सके. सत्ता की सनक से दिमाग के अंदर उपजी ये लाइन जलगांव जिला भाजपा उपाध्यक्ष गोविंद मुरलीधर अग्रवाल एंड सन्स की है जिसे उन्होंने ऑन ड्यूटी कृषी सहायक को पिटाई करते हुए डिलीवर किया है. पीड़ित ने पुलिस में दी तहरीर में इस संवाद को दर्ज किया है. FIR के बयान में पीड़ित कन्हैया प्रकाश महाजन ने कहा है कि वे 31 अगस्त को कृषी अधिकारी के आदेश से सहयोगी धनराज चव्हाण के साथ गोविंद मुरलीधर अग्रवाल की निजी जिनिंग फैक्टरी की जांच करने शेंदुर्नी पहुँचे जहाँ उन्होंने फैक्टरी के गेट पर खड़े नितिन गोविंद अग्रवाल को अपना और अपने डिपार्टमेंट के काम का परिचय दिया तब नितिन ने झल्लाकर आप फैक्टरी के अंदर कैसे आ गए यह कहते हुए उक्त रूप से डायलॉग डिलीवर करते हुए सत्ता का रौब झाड़ना शुरू किया तभी भीतर कैबिन में बैठे गोविंद मुरलीधर अग्रवाल और उनके सुपुत्र नीलेश गोविंद अग्रवाल बाहर आए और पिता पुत्रों ने मिलकर मुझे गाली गलौच के दौरान पिटाई भी की, कहा कि आप यहाँ आए ही कैसे? यहाँ रुपए पैसे होते हैं, आप नौकरी कैसे करते हो हम देखते हैं, झूठे केसेस फाइल कर आप को नौकरी से निकाल देंगे, जान से मार देंगे, ऐसी धमकी दी. इसी बीच महाजन ने ब्लॉक कृषी अधिकारी को कॉल किया और आप बीती सुनाई तब गोविंद अग्रवाल ने कृषी अधिकारी से भी असभ्य भाषा में बात की. पीड़ित कन्हैया जैसे तैसे अग्रवाल एंड सन्स के चुंगल से छूटकर जिनिंग से बाहर निकल आए. वरिष्ठ अधिकारीयो से परामर्श करने के बाद पीड़ित कन्हैया महाजन ने पहुर पुलिस थाने पहुंचकर गोविंद अग्रवाल एंड सन्स के खिलाफ धारा 353, 332, 504, 506, 34 के तहत शिकायत दर्ज कराई. हमने थाना प्रभारी प्रताप इंगले से बात की तो उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच शुरू है. महाराष्ट्र राज्य कृषी सहायक संघटना ने काली फीते लगाकर घटना का धिक्कार किया. संगठन द्वारा तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें इस मामले में नामजद अग्रवाल एंड सन्स को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की गई है. सत्ता का रौब दिखाकर सरकारी अफसरों को डराने धमकाने और पीटने के कल्चर से कोई राजनीतिक दल अछूता नहीं रहा है बशर्ते यह सब करने के लिए उस दल का सत्ता में होना बेहद जरूरी है और फिर जामनेर का राजनीतिक अतीत ऐसी दर्जनों घटनाओं से भरा पड़ा है. दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि इसी अतीत ने बार बार भविष्य में नन्ही खुद को दोहराने की कोशिश की है और कर भी रहा है.णं

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