रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
माफियाओं के खिलाफ लगातार कलम चलाने वाले निड़र जाबांज़ पत्रकारों को सुरक्षा प्रदान करना शासन प्रशासन की जिम्मेदारी होती है लेकिन वारदात के बाद भी पुलिस की निष्क्रियता जग जाहिर है तभीतो आपराधिक तत्वों के हौसलें बुलंद हो जाते हैं।
हाल ही में ज़िले के बड़े पत्रकार के कार्यालय पर अज्ञात बदमाशों ने पत्थर से शीशा तोड़ दिया तो निकटवर्ती राज्य राजस्थान के गाँव मोहकमपुरा के पत्रकार जगदीश पिता जगमालसिंह चावड़ा को बिना नम्बर की काली पल्सर पर आये कुछ अज्ञात नकाबपोश बदमाशों ने थांदला कुशलगढ़ मार्ग पर खजूरी पूल के निकट गाड़ी रोककर जान से मारने की धमकी दी। धमकी भरे लहजे में कहा आज तेरा अंतिम दिन है बस आगे आ अकेले में मिल पिस्टल से उडा देंगे।
इस तरह की पत्रकारों को मिलने वाली धमकी आम बात है. पहले भी ज़िले के कई पत्रकारों को ऐसी धमकी मिल चुकी है यहाँ तक कि कुछ पत्रकारों पर कातिलाना हमले तक हो चुके हैं।
यह सब दृश्य घटित होने पर भी पुलिस महकमा शायद बदमाशों व माफियाओं के हाथों कठपुतली बना नजर आ रहा है तभी अभी तक अपराधी तक पुलिस नहीं पहुँच पा रही है।
युवा पत्रकार ने पाटन व थांदला में अपने पिता के साथ आकर अज्ञात अपराधियों के खिलाफ आवेदन देते हुए सुरक्षा की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि झाबुआ ज़िले के पीड़ित पत्रकार एम एल परमार एक समाचार पत्र के मालिक होकर यूट्यूब चैनल के माध्यम से प्रदेश भर की खबरों को प्रकाशित करते हैं, वहीं राजस्थान के युवा पत्रकार आरएसएस विचारधारा का होकर विगत 15 वर्षों से निर्भीक पत्रकारिता कर रहा है।
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