खरगोन पुलिस द्वारा की जा रही पक्षपात पूर्ण कार्रवाई को लेकर एसडीपीआई का प्रतिनिधी मण्डल खरगोन एसपी से मिला | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

खरगोन पुलिस द्वारा की जा रही पक्षपात पूर्ण कार्रवाई को लेकर एसडीपीआई का प्रतिनिधी मण्डल खरगोन एसपी से मिला | New India Times

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (SDPI) के प्रदेश महासचिव डॉक्टर मुमताज़ कुरैशी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि पिछले दिनों खरगोन में रामनवमी जुलूस के दौरान आपत्तिजनक, अभद्र, मुस्लिम समाज की महिलाओं के प्रति अश्लील और मुस्लिमों की भावनाओं को आहत करने वाले नारों के कारण सांप्रदायिक हिंसा हुई जो अत्यंत दुखद है। आज सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया मध्यप्रदेश, नुमाइंदा कमेटी इंदौर, इस्लामी रिलीफ कमेटी इंदौर, जमियत एहले हदीस इंदौर, जमात ए इस्लामी इंदौर, वेहदत ए इस्लामी इंदौर के एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने खरगोन का दौरा किया और हालात का जाएज़ा लिया। दंगे में शहीद हुए इब्रेश के घर जाकर उसके परिजनों से मुलाकात की तथा उन्हें हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया। दंगे में हुए नुकसान का जाएज़ा लिया और प्रभावित लोगों से मुलाकात की तथा उन्हें कानूनी मदद देने का वादा किया। प्रतिनिधिमंडल में अब्दुल रऊफ बेलिम, शकील अंसारी, नूर मोहम्मद कुरैशी, इस्हाक़ अंसारी, शफीक शैख, और शोएब आमीन शामिल थे।

खरगोन पुलिस द्वारा की जा रही पक्षपात पूर्ण कार्रवाई को लेकर एसडीपीआई का प्रतिनिधी मण्डल खरगोन एसपी से मिला | New India Times

वहीं प्रतिनिधिमंडल में शामिल एसडीपीआई के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अब्दुल रऊफ बेलिम और प्रदेश महासचिव डॉक्टर मुमताज़ कुरैशी ने खरगोन एस पी से मुलाकात कर पुलिस द्वारा एक तरफा की जा रही कार्यवाही का विरोध किया और उन्हें सात सूत्रीय मांगों का एक आवेदन पत्र भी सौंपा। जिस तरह एक समूह धर्म की आड़ में प्रदेश की कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहा है वो कोई ढकी-छिपी बात नहीं है। यह समूह धार्मिक यात्राओं के नाम पर हथियारों समेत तय मार्गों का उल्लंघन कर मुस्लिम बस्तियों में घुसता है, मस्जिदों के सामने भड़काऊ नारेबाजी करता है, जिससे टकराव की स्थिति उत्पन्न होती है। कुछ इन्हीं कारणों से खरगोन में भी हिंसा भड़क उठी। हिंसा के बाद लोगों की सुरक्षा के प्रहरियों और स्थानीय प्रशासन का दोहरा रवैया सामने आया,जो अत्यंत चिंताजनक है। जो स्थानीय पुलिस प्रशासन धार्मिक जुलूस में शामिल उद्दंड युवकों को नियंत्रित नहीं कर सका, उसने मुस्लिमों के खिलाफ अतिरिक्त उत्साह का सबूत देते हुए जहां मुस्लिमों के खिलाफ एक तरफा एफआईआर दर्ज की। बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया और उनको बुरी तरह प्रताड़ित किया। वहीं दूसरी तरफ मुस्लिमों की रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है, मजबूरीवश मुस्लिम समाज ने आनलाइन एफ. आई. आर. का आवेदन किया है। बात यहीं तक नहीं रुकी और पीड़ित मुस्लिम पक्ष के मकानों को गैरकानूनी तरीके से ध्वस्त कर लोगों के आशियाने उजाड़ दिए गए ।हम अपेक्षा करते हैं कि खरगोन में आपके नेतृत्व में क़ानून व्यवस्था बेहतर हो ताकि समाज का पुलिस प्रशासन पर भरोसा कायम रहे।
अतः हम आप से मांग करते हैं कि:
1) यह कि कपिल मिश्रा ने दिल्ली से आकर खरगोन में भड़काऊ बयान दिया और जुलूस में शामिल लोगों को मुसलमानों के घरों में घुसकर मारने के लिए उकसाया जिस कारण हिंसा हुई, अतः कपिल मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया जाए।
2) यह कि खरगोन में एक पक्षीय पुलिस कार्रवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगे।
3) यह कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से की जा रही रिपोर्ट दर्ज की जाएं।
4) यह कि जिन पुलिसकर्मियों ने पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की है व मस्जिदों को नुक्सान पहुंचाने का कृत्य किया है ,उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
5) यह कि जिन लोगों के साथ भी अन्याय हुआ है या जिनके मकान दुकान ध्वस्त किए गए हैं उन्हें उचित मुआवज़ा दिया जाए।
6) इब्रेश उर्फ सद्दाम निवासी इस्लामपुरा, खरगोन की हत्या की न्यायिक जांच की जाए तथा गिरफ्तार पांचों आरोपियों के मकान ध्वस्त किए जाएं।
7) यह कि जब दो समुदायों के बीच का विवाद है तो गिरफ्तारियां और मकान तोड़ने का कार्य एक समुदाय विशेष के प्रति ही क्यों हो रहा है?


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