शिवराज सरकार में अतिथि शिक्षकों की हालत बदहाल, ज्ञापन देकर शासन को बताया अपना हाल | New India Times

त्रिवेंद्र जाट, केसली/सागर (मप्र), NIT:

शिवराज सरकार में अतिथि शिक्षकों की हालत बदहाल, ज्ञापन देकर शासन को बताया अपना हाल | New India Times

सागर जिले की तहसील केसली में कल अतिथि शिक्षकों ने हनुमान बाबा मंदिर में बैठक की जिसमें नवनियुक्त शिक्षकों के आ जाने से बाहर हुए अतिथि शिक्षकों के बारे में मंथन हुआ साथ ही शासन के इस निर्णय की अतिथि शिक्षकों के विरोध में अतिथि शिक्षकों ने राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. जिसमें अतिथि शिक्षकों ने बताया कि हम 10 साल से मजदूरों से कम वेतन में सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं और हम आर टी ई के हर माप दंड को पूरा करते हैं और अनुभव धारी हैं और सरकारी स्कूलों के बच्चों के बीच हमारी पकड़ है तथा 10 सालों से हम चपरासी से लेकर स्कूल के सभी कार्य बड़ी बखूबी से कर रहे हैं फिर भी शासन ने नवनियुक्त शिक्षकों की भर्ती कर हमें बिना सूचना के सेवा मुक्त कर दिया। ऐसे में हमारे परिवार पर भरण पोसन का संकट गहरा गया है, हमें मासाब होते हुए भी सब्जी बेचने, मजदूरी करने, पंचर बनाने जैसे काम करके अपना परिवार चलाना पड़ रहा है, ऐसे में अतिथि शिक्षक परेशान हैं और उन्होंने शासन से मांग की है कि हमें कोई पॉलिसी बनाकर नियमित किया जाए. अगर शासन हमारी मांगें पूरी नहीं करता तो हम आंदोलन को मजबूर होंगे साथ ही हम पब्लिक के बीच जाकर हमारे बच्चो जिनको पढ़ाया है उनके बीच जाकर शासन की नीतियों को बताएंगे।

भरत अहिरवार अतिथि शिक्षक ने कहा कि हमने 10 सत्र सरकारी स्कूल में पढ़ाया उसके बाद मुझे बाहर कर दिया जिससे हमारा भविष्य अंधकार मय हो गया और हम सब्जी बेचकर, मजदूरी करके अपना परिवार चला रहे हैं।

तेजबल सिंह राजपूत ने बताया कि अतिथि शिक्षक आज दर दर भटक रहा है उसकी पीड़ा को सुनने वाला कोई माई बाप नहीं है।

एसे ही अमित तिवारी ने बताया कि आज अतिथि शिक्षक निस्सहाय अपमान भारी जिंदगी जी रहा है क्योंकि 10 साल से जो मासाब कहलाता था आज वही मासाब रोजगार के लिए दर दर भटक रहा है। अतः उन्होंने शासन से मांग की कि हमें भले चाहे वेतन उतनी ही दो जो आज दे रहे हैं पर मामा हमारा भविष्य सुरक्षित कर हमें एक सम्मान की जिंदगी दें।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading